पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) की रैंकिंग में गिरावट के बाद राज्य ने केंद्र पर पक्षपात का आरोप लगाया है। हाल ही में 12 वीं राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट में PSPCL 'बी' ग्रेड पर खिसक गया है और अब 20वें स्थान पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल यह 'ए' ग्रेड के साथ 16 वें स्थान पर था। इसका स्कोर पिछले साल के 83.8 से घटकर इस साल 61.6 हो गया है।
मुद्दों को किया गया नजरअंदाज
पंजाब ने यह भी दावा किया है कि रैंकिंग से पहले पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की ओर से केंद्र सरकार के साथ उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार नहीं किया गया और कुछ को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
53 वितरण कंपनियों (Distribution Companies) में से 12 को 'ए+' रेटिंग मिली, जिसमें गुजरात और हरियाणा भी शामिल हैं। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश की राज्य सुविधाएं 'ए' कैटेगरी में हैं। एक प्राइवेट कंपनी के साथ पीएसपीसीएल समेत सात कंपनियों को 'बी' ग्रेड मिला है।
PSPCL के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पहले ही आपत्तियां उठाई हैं और इसे केंद्र सरकार के संज्ञान में लाया है और उनसे 100 में से 61.1 अंक देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है।
जानकारी मुताबिक, केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है रेटिंग के अनुसार राज्य सरकार की ओर से एक साल में घाटा उठाने पर तीन पूर्ण अंक दिए जाते हैं। 2022-23 के दौरान 4,776 करोड़ रुपए के घाटे के कारण पीएसपीसीएल को शून्य अंक दिए गए हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने 2022-23 तक घाटा वहन करके कमिटमेंट्स का सम्मान किया है और इस प्रकार तीन अंक दिए जाने चाहिए।
इसके साथ ही 2023 में टैरिफ ऑर्डर जारी करने के लिए एक और अंक की कटौती की गई। PSPCL के बड़े अधिकारियों ने कहा पचवारा कोयला खान के संचालन, आयातित कोयले का उपयोग न करने और तीन साल के बाद PSPCL की ओर से टैरिफ में वृद्धि के कारण, PSPCL के वित्तीय मापदंडों (Financial Parameters) में 2023-24 के दौरान सुधार हुआ और इसने 771 करोड़ रुपये कमाए जाने का मुनाफा दर्ज किया है।