NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पुराने कचरे और सीवरेज डिस्चार्ज के मैनेजमैंट पर ठोस कदम न उठाने के कारण लगाया गया है। NGT ने राज्य सरकार को एक महीने के अंदर जुर्माना और रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
पंजाब में इस समय पड़ा है 53 लाख टन कचरा
NGT ने अपने आदेश में कहा कि पंजाब में इस समय 53.87 लाख टन पुराना कचरा पड़ा हुआ है। 2 साल पहले यह कचरा 66.66 लाख टन था। मतलब के 2 साल में राज्य सरकार सिर्फ 10 लाख टन कचरे को ही डिस्पोज कर पाई है। इस स्पीड से काम चलता रहा तो इसे डिस्पोज करने में 10 साल लग जाएंगे।
आदेशों का पालन नहीं कर रही सरकार
NGT ने अपने नए आदेशों में कहा कि मुख्य सचिव 2080 करोड़ रुपए के रिंग-फेंस खाते के निर्माण संबंधी साल 2022 के आदेशों का भी पालन करने में असफल रहे हैं। उल्लंघन और आदेश न मानना NGT के अधिनियम 2010 की धारा 26 के तहत अपराध है।
साल 2022 में भी लगाया था जुर्माना
NGT ने सीवरेज के सही ट्रीटमेंट न होने और सॉलिड वेस्ट डिस्चार्ज को रोकने में असफल होने के लिए पंजाब सरकार पर कुल 2180 करोड़ रुपए का लगाया था। जिस पर पंजाब सरकार ने 100 करोड़ रुपए जमा करवाए हैं।