दिल्ली में 36 करोड़ के वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को राउज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया है।
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि अमानतुल्लाह खान पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन उन पर मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं है, इसलिए नोटिस लेने से इनकार कर दिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने आगे कहा कि अमानतुल्ला खान को 1 लाख रुपए के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत पर तुरंत न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया जाएगा। कोर्ट ने आगे कहा कि मरियम सिद्दीकी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है।
दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं और उससे पहले अमानतुल्लाह खान को ये राहत मिली है। अमानतुल्लाह ओखला से विधायक हैं। उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है।
अमानतुल्लाह पर क्या है आरोप?
कोर्ट ने पहले स्पलीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा था कि वह 14 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी। ईडी की चार्जशीट में अमानतुल्लाह खान और मरियम सिद्दीकी का नाम है। अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। ईडी ने 2 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था।
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ क्या है पूरा मामला?
सीबीआई व दिल्ली पुलिस की तीन शिकायतों से जुड़ा है। ईडी ने मामले में दाखिल आरोप पत्र में पांच लोगों को आरोपित बनाया है और इसमें अमानतुल्लाह के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी को शामिल किया।
ईडी ने कहा था कि यह तलाशी कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे से जुड़ा है। इस दौरान अमानतुल्लाह वक्फ बोर्ड अध्यक्ष थे। ईडी ने आरोप लगाया कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती के जरिए आपराधिक आय अर्जित की और अचल संपत्ति खरीदने के लिए सहयोगियों के नाम पर पैसे का निवेश किया।