प्रयागराज में महाकुंभ के बीच अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े (Kinnar Akhara) में महामंडलेश्वर बनाया गया था। इसके बाद इसे लेकर जमकर विरोध हुआ और किन्नर अखाड़े में बड़ी कलह शुरू हो गई। अब ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। क्योंकि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल किया था।
खुद को किन्नर अखाड़ा के संस्थापक बताने वाले ऋषि अजय दास ने कहा- मैंने लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। ममता को महामंडलेश्वर बनाने में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जिस पर (ममता पर) देशद्रोह का आरोप हो। उसे महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है। ममता को वैजन्ती माला की जगह रुद्राक्ष की माला पहनाई गई। साथ ही ममता कुलकर्णी का मुंडन भी नहीं करवाया गया और वैराग्य की दिशा के बजाय सीधा महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई।
ये कोई बिग बॉस का शो नहीं है - ऋषि अजय दास
दास ने ये भी कहा कि ये कोई बिग बॉस का शो नहीं है, जिसको कुंभ के दौरान एक महीने चला दिया जाए। लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को मैंने किन्नर समाज के उत्थान और धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए आचार्य महामंडलेश्वर बनाया था, लेकिन वह भटक गईं। ऐसे में मुझे एक्शन लेना पड़ा।
कौन होते हैं, मुझे अखाड़े से निकालने वाले - लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी
वही दूसरी तरफ़ महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने अजय दास के दावे को खारिज किया है। उन्होंने कहा- वे कौन होते हैं, मुझे अखाड़े से निकालने वाले। 2017 में अजय दास को किन्नर अखाड़े से निकाल दिया गया है। वो निजी स्वार्थ के लिए ऐसा कह रहे हैं।
26 फरवरी तक चलेगा मेला महाकुंभ
बता दें कि महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक समागमों में से एक है। यह हर 12 साल में भारत के चार स्थानों में से एक पर आयोजित किया जाता है। बता दें कि महाकुंभ मेला 13 जनवरी को शुरू हुआ है और यह 26 फरवरी तक चलेगा।