कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी ड़ॉक्टर के साथ हुए हादसे में वीरवार (22 अगस्त) को सुनवाई हुई। वहीं, AIIMS के डॉक्टरों ने 11 दिन से चल रही हड़ताल खत्म कर दी है। इससे पहले CJI ने कहा कि डॉक्टर काम पर लौट आएं। अस्पतालों की स्थिति जानता हूं, मैं खुद एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं, जब मेरे परिवार का एक सदस्य बीमार था।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के दिए आदेश
CJI ने कहा कि हमें बताया गया कि डॉक्टर काम पर वापस जाने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकारें डॉक्टरों के लिए कुछ सुरक्षा इंतजाम कर सकती हैं। हम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय निर्देश देते हैं कि वे राज्य के मुख्य सचिवों और DGP के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करें। यह एक्सरसाइज 1 हफ्ते में पूरी हो जानी चाहिए। राज्य 2 हफ्ते के अंदर इसे लागू करें।
डॉक्टरों ने कहा- 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं
सीजेआई ने कहा कि हमें बहुत सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें डॉक्टरों ने कहा है कि उन पर बहुत ज्यादा दबाव है। 48 या 36 घंटे की ड्यूटी अच्छी नहीं है। हम इसे आज अपने आदेश में जोड़ देंगे।
क्राइम सीन से छेड़छाड़ हुई
वहीं, कोर्ट में सीबीआई ने कोर्ट स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की और कहा कि क्राइम सीन से छे़ड़छाड़ हुई है। बता दें कि 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर हुआ था। जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कोलकाता पुलिस की भूमिका पर संदेह है। जांच में ऐसी लापरवाही अपने 30 साल के करियर में नहीं देखी।
14 घंटे बाद क्यों दर्ज हुई एफआईआर?
कोलकाता कांड पर लंच के बाद दोबारा सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में 14 घंटे बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई? इसके साथ ही कोर्ट ने प्रिंसिपल की दूसरी जगह नियुक्ति पर भी सवाल उठाए।
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के वकील सिब्बल से पूछा कि जब प्रिंसिपल को उस कॉलेज से हटाया गया तो दूसरी जगह प्रिंसिपल क्यों बना दिया गया? सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि रात 11:30 बजे एफआईआर दर्ज करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता जबकि शव बहुत पहले बरामद किया गया था। सीजेआई ने कहा कि 14 घंटे की देरी के बाद एफआईआर दर्ज करने का क्या कारण है? इस पर सिब्बल ने कहा कि पीड़िता के माता-पिता ने कहा था कि जब हम औपचारिक शिकायत देंगे, तभी एफआईआर दर्ज की जाए।
मामला गैंगरेप का नहीं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई ने फोरेंसिक रिपोर्ट देखी है। अब तक की जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि संजय रॉय ने ही पीड़िता का बलात्कार किया और फिर हत्या की थी, यानि अभी रेप और हत्या के मामले में सिर्फ एक ही शख्स है। सीबीआई ने सीसीटीवी फुटेज भी देखी है, जिसमें संकेत मिलता है कि अपराध संजय रॉय ने किया था।
सीबीआई ने अटॉप्सी रिपोर्ट का भी विश्लषण किया है। अभी तक हुई सीबीआई जांच में यह बात सामने निकलकर आई है कि यह बलात्कार और हत्या का मामला है न कि गैंगरेप का। हालांकि, सीबीआई ने अभी तक और लोगों के शामिल होने और गैंगरेप के सिद्धांत पर अपनी जांच पूरी नहीं की है। सीबीआई इस पर अंतिम राय लेने के लिए स्वतंत्र फोरेंसिक रिपोर्ट एक्सपर्ट की मदद ले सकती है।