ख़बरिस्तान नेटवर्क, नई दिल्ली : संसद का स्पेशल सेशन 18 सितंबर से शुरू हुआ जो 22 सितंबर तक चलने वाला है। इस सेशन में पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन की कार्यवाही नए संसद भवन में शुरू हुई। गणेश चतुर्थी के दिन यानी 19 सितबंर को नए भवन में कार्यवाही की शुरुआत हुई।
आपको बता दें कि इसी साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। अब संसद के स्पेशल सेशन के दूसरे दिन की कार्रवाई नए संसद भवन में शुरू होने के साथ यह पुरानी इमारत का स्थान ले लेगी जिसमें अब कई खामियां आ चुकी हैं। पुराने संसद भवन को एक मयूजियम में बदल दिया जाएगा। जानते हैं कि आखिर नए और पुराने संसद भवन में क्या अंतर है।
नए भवन में क्या-क्या खास है? नए संसद भवन की शुरुआत के बाद पुराने संसद भवन का क्या होगा?
पुरानी इमारत में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने का व्यवस्था है। वहीं अगर इसकी तुलना अगर नए भवन से करे तो लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठने की क्षमता है। एसा भविष्य को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसके अलावा दोनो सदनों की इकठ्ठी बैठक के लिए एक अलग हॉल बनाया गया है। जिसमें 1280 सांसद एक साथ बैठ सकते हैं।
मयूर थीम पर आधारित
इस नए संसद भवन में पीएम और राष्ट्रपति की एंट्री के लिए अलग एंट्रेंस है। इसमें 120 ऑफिस है जिसमें अलग-अलग मंत्रालयों के दफ्तर हैं और प्रधानमंत्री का ऑफिस शामिल हैं। आपको बता दें कि लोकसभा चैंबर 3015 वर्ग मीटर में फैला हुआ है जो मयूर थीम पर आधारित है। अकेले नए संसद भवन की लागत 971 करोड़ रुपए है। पुराने संसद भवन के निर्माण की लागत उस समय 83 लाख रुपए थी।
बायोमेट्रिक्स और डिजिटल भाषा उपयोग कर सकेंगे
डबल सुक्योरिटी ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया है। इस बीच नई इमारत में अत्याधुनिक तकनीक है जिसमें मतदान में आसानी के लिए बायोमेट्रिक्स, डिजिटल भाषा व्याख्या जिसमें व्यक्ति अपनी भाषा में सुन सकते है। और माइक्रोफोन शामिल हैं। हॉल के अंदरूनी हिस्सों को आभासी ध्वनि सिमुलेशन फिट किया जाएगा ताकि गूंज को सीमित किया जा सके।
क्या है स्पेशल सेशन?
भारतीय संविधान में संसद के स्पेशल सेशन शब्द का कोई जिक्र नहीं है। हालांकि सरकारों की तरफ से इस्तेमाल किए जाने वाले विशेष सत्र को अनुच्छेद 85(1) के प्रावधानों के अनुसार बुलाया जाता है। अनुच्छेद 85(1) के तहत बाकी सत्र भी बुलाए जाते हैं।
महिला आरक्षण बिल क्या है?
स्पेशल सेशन के पहले दिन नए संसद भवन में सबकी नजरे महिला आरक्षण बिल पर थी। वहीं पीएम मोदी की अध्यक्ष्ता में हुई कैबिनेट बैठक में महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है।
-लोक सभा में इस समय 82 महिला सदस्य है। इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी।
तीन दशक से अटका था महिला आरक्षण बिल जो नयी संसद में पेश किया गया। आपको बता दें कि विधेयक में 33% कोटा के अंदर एससी, एसटी और एंग्लो-इंडियन के लिए सब-रिजर्वेशन का भी प्रस्ताव है। आपको बता दें कि इसमें लोकसभा में कल बहस होने वाली है।