ख़बरिस्तान नेटवर्क, नई दिल्ली : महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है।यह विधेयक 20 सितंबर को लोकसभा और 21 सितंबर को राज्यसभा में पारित हुआ था। किसी भी विधेयक के संसद से दोनों सदनों से पारित होने के बाद उसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता है ताकि वो कानून बन सके।
क्या है महिला आरक्षण बिल?
यह भारतीय संविधान के 85वें संशोधन का विधेयक है. इसके अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटों पर आरक्षण का प्रावधान रखा गया है. इसी 33 फीसदी में से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित की जानी है।
कब लागू होगा?
महिला आरक्षण 2023 में आ तो गया लेकिन क्या ये 2024, 2029 या उसके बाद भी हक़ीकत बनेगा। इसका कारण है 'परिसीमन', जिसे कराए बग़ैर महिला आरक्षण कानून लागू नहीं हो सकता। परिसीमन यानी निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा तय करने की प्रक्रिया।