ख़बरिस्तान नेटवर्क, नई दिल्ली : संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र आज (18 सितंबर) शुरू हुआ और 22 सितंबर को समाप्त होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पुराने संसद भवन की "हर ईंट" को श्रद्धांजलि दी। पुरानी इमारत में यह उनका आखिरी भाषण था। लोकसभा में अपने एक घंटे से अधिक लंबे भाषण में मोदी ने भारत के लोकतंत्र की यात्रा को याद किया और कहा कि इस विरासत भवन में आखिरी दिन उन 7,500 से अधिक सांसदों को समर्पित होना चाहिए जिन्होंने आजादी के बाद से इस भवन में सेवा की है।इसी के साथ आपको बता दें कि पीएम मोदी ने यूनियन कैबिनेट मीटिंग 6:30 बजे बुलाई है, जिसमें महिला आरक्षण को लेकर ऐतिहासिक फैसला ले सकते है।
पीएम मोदी ने पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री, पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी समेत उनके बाद के नेताओं के कामों, संघर्षों की सराहना की लेकिन लोकसभा को मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 'वोट के बदले नकद' घोटाले की याद भी दिलाई। उन्होंने सदन को समृद्ध बनाने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल, चन्द्रशेखर और लाल कृष्ण आडवाणी को भी याद किया।
गणेश चतुर्थी पर नए संसद भवन की शुरुआत
पहली बार गणेश चतुर्थी के अवसर पर कल (19 सितंबर) से सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में की जाएगी। विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक हलकों में एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, क्योंकि पार्टियां इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही हैं।
महिला आरक्षण बिल पर बोले टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा
"चर्चा चल रही है, मैं कहूंगा कि देर आए दुरुस्त आए। हमारी नेता ममता बनर्जी ने ही इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया था। लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि ये सारी बातचीत शीतकालीन सत्र में भी की जा सकती थी। क्या?" फिलहाल ऐसा हुआ है कि एक विशेष सत्र बुलाया गया है जिसका एजेंडा अभी तक तय नहीं हुआ है। जो एजेंडे लेकर वे आए हैं, उससे ऐसा नहीं लग रहा है कि विशेष सत्र की जरूरत थी...हालांकि, ये महिला आरक्षण बिल अच्छा है , हम सभी इसके समर्थन में हैं...अब सवाल ये है कि ये खबर अफवाहों पर आधारित है, क्या ये बिल आएगा या नहीं?'' टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा।
कांग्रेस नेता का कहना है कि महिला आरक्षण विधेयक को पुरानी संसद से विदाई के रूप में पारित किया जाए
महिला आरक्षण देकर कर सकते हैं ऐतिहासिक निर्णय
नई संसद में सदस्यों के बैठने के लिए ज्यादा स्थान बनाया गया है। यह भी एक इशारा है कि सीटों को बढ़ाकर सदस्यों की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो प्रधानमंत्री अपने विशेष समर्थक वर्ग महिलाओं को अपने पाले में और ज्यादा मजबूती के साथ लाने के लिए बड़ा काम करेंगे और यह कदम 2024 के चुनाव में निर्णायक साबित हो सकता है।
विपक्षी दलों ने एजेंडे का खुलासा किए बिना संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है।