सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी है। पर 2 जून को उन्हें सरेंडर करने के लिए भी कहा। अंतरिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्ते भी लागू कीं है। जिसमें से एक शर्त यह है कि वह सीएम दफ्तर में नहीं जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इन शर्तों पर दी अंतरिम जमानत
- सीएम दफ्तर नहीं जाएंगे केजरीवाल
- केस के किसी गवाह से बात भी नहीं करेंगे
- किसी फाइल पर भी साइन नहीं करेंगे
- सचिवालय नहीं जाएंगे केजरीवाल
जानें क्या-क्या हुआ था पिछली सुनवाई में
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। यह एक अभूतपूर्व परिस्थिति है। लोकसभा चुनाव जारी हैं। वो दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। अगर चुनाव नहीं चल रहे होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार होते हैं।
हम केजरीवाल को जमानत दे देते हैं तो आप ऑफिशियल ड्यूटी नहीं करेंगे। हम नहीं चाहते कि आप सरकार में दखल अंदाजी करें। अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था।
जमानत के विरोध में ED ने दी यह दलीलें
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी ने केजरीवाल की जमानत के विरोध में कहा कि कोर्ट का नजरिया क्या है? आपको राजनेताओं के लिए अलग कैटेगरी नहीं बनानी चाहिए। देश में इस वक्त 5 हजार केस हैं जिनमें सांसद शामिल हैं। इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया जाना चाहिए?
अगर कोई किसान जिसका बुवाई का सीजन चल रहा है, वो किसी सांसद से कम महत्वपूर्ण है? जमानत पर रिहाई दी तो यह संदेश जाएगा कि केजरीवाल ने कुछ नहीं कियाा था, लेकिन उन्हें चुनाव से पहले गिरफ्तार कर लिया गया।