बिहार से अवैध हथियार लाकर पंजाब में बेचने वाले गिरोह का कपूरथला पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। जिला पुलिस के सीआईए स्टाफ विंग ने मुख्य सरगना समेत चार युवाओं को सात पिस्टल, चार मैगजीन और 300 ग्राम हेरोइन की खेप के साथ दबोचा है। पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी मुख्य सरगना बिहार में बैंक डकैती के केस में पुलिस को वांटेड है।
बिहार से पंजाब में हथियार सप्लाई करते थे
एसएसपी वत्सला गुप्ता ने बताया CIA टीम को इनपुट मिला कि एक पेशेवर अपराधी जिले में नाजायज हथियार सप्लाई करने के लिए आ रहा है। कांजली रोड के नजदीक गुरु नानक पार्क के समीप उन्हें एक युवक पीठ पर एक बैग लटकाए आता दिखाई दिया, जोकि पुलिस की गाड़ी देखकर कांजली के जंगल की तरफ मुड़ गया। इस पर पुलिस टीम ने पीछा करके उसे दबोच लिया। उसके बैग की तलाशी ली तो उसमें चार लोडेड पिस्टल 32 बोर और 300 ग्राम हेरोइन बरामद हुई।
बिहार में बैंक डकैती में वाटेंड है आरोपी नीरज
एसएसपी ने बताया कि नीरज पेशेवर अपराधी है और बिहार की बैंक डकैती के केस में पुलिस को वांटेड है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि 15 दिन पहले उसने तीन पिस्टल 18 वर्षीय आकाशदीप उर्फ काशू और 22 वर्षीय तेजपाल उर्फ लाली दोनों निवासी गांव पाड़ा जिला जालंधर और 21 वर्षीय राहुल उर्फ गद्दी निवासी करतारपुर जिला जालंधर 50-50 हजार रुपये में बेचे थे। पुलिस ने नीरज की निशानदेही पर तीनों पिस्टल 7.5 एमएम बरामद करके तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया।
लुधियाना में मिलकर गैंग बनाई
एसएसपी ने बताया कि नीरज नशे के मामले में लुधियाना जेल में बंद था और उसी जेल में काशू, लाली और राहुल भी बंद थे, वहीं नीरज ने इन तीनों से मिलकर अपना गैंग बना लिया। नवंबर को नीरज और उक्त तीनों युवा जमानत पर बाहर आए। नीरज ने बिहार में अपने पुराने साथियों से संपर्क करके हेरोइन व अवैध हथियार की तस्करी करके पंजाब में बेचने शुरू कर दिए।
40 से 50 हजार में बेचते थे हथियार
एसएसपी के ने आगे बताया कि नीरज बिहार से 25 हजार से 30 हजार के बीच हथियार लाकर पंजाब में युवाओं को 40 से 50 हजार रुपये के बीच में बेचता था। काशू, लाली और राहुल पर थाना करतारपुर में तीन लड़ाई-झगड़े, लूट और अपहरण के केस दर्ज हैं।
पंजाब में नाम-पहचान बदलकर रह रहा था नीरज
एसएसपी ने खुलासा कि नीरज बेहद शातिर है और पंजाब में वह नाम-पहचान बदलकर रह रहा था। इसके पास से 12 सिम कार्ड बरामद हुए हैं। सबसे हैरानीजनक बात तो यह सामने आई है कि यह लगातार अपनी पहचान बदलता रहता था और नए-नए सिम खरीदता, लेकिन इसके लिए आईडी कौन सी इस्तेमाल करता था, इसकी जांच बेहद जरूरी है, क्योंकि अब तक नीरज का असली पता न होने की वजह से बचता आ रहा था, लेकिन अब इसका पूरा पता लगाएंगे।