बॉलीवुड एक्ट्रेस और भाजरा सांसद कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी काफी सुर्खियों में है। फिल्म को लेकर काफी हंगामा हो रहा है। इस बीच, जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने फिल्म के लिए सेंसर सर्टिफिकेट की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ताकि इसे 6 सितबंर को रिलीज करने का फैसला लिया जा सके।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म के लिए सीबीएफसी सर्टिफिकेट की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने में असमर्थता जताई है। इस याचिका पर बुधवार 4 सितंबर को जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच में सुनवाई हुई।
कंगना ने कहा- सेंसर को फटकार लगाई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि वह CBFC को प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने में असमर्थ है, क्योंकि यह एमपी हाईकोर्ट के आदेश का खंडन होगा। वहीं, कोर्ट का निर्देश सामने आने के बाद कंगना रनौत ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा हाईकोर्ट ने अवैध रूप से इमरजेंसी का सर्टिफिकेट रोकने के लिए सेंसर को फटकार लगाई है।
ऑब्जेक्शन को 13 सितंबर से क्लीय किया जाए
इससे पहले मामले की सुनवाई में कोर्ट ने CBFC को निर्देश दिया कि फिल्म को लेकर जो भी ऑब्जेक्शन हो उसे 13 सितंबर से पहले क्लीयर किया जाए। साथ ही बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि किसी फिल्म पर करोड़ों रुपए लगे होते हैं। आप गणपति उत्सव के नाम पर छुट्टी बताकर सर्टिफिकेट संबंधी विषय पर अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में इतनी जल्दी आदेश नहीं दिया जा सकता, 18 सितंबर तक इस मामले में फैसला लिया जाएगा। जिसके बाद 19 सितंबर को कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। साथ ही कोर्ट ने सीबीएफसी को भी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि चूंकि फिल्म में करोड़ों रुपये का निवेश शामिल है, इसलिए सीबीएफसी गणपति उत्सव के नाम पर छुट्टी का दावा करके प्रमाणपत्र मुद्दे पर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती।
दरअसल, इस मामले में याचिकाकर्ता ज़ी एंटरटेनमेंट है जो फिल्म से एसोसिएट मेकर यानी सह-निर्माता के तौर पर जुड़ा है. उनकी ओर से वरिष्ठ वकील वेंकटेश धोंड अदालत में पेश हुए। अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को फिल्म को लेकर उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने और 18 सितंबर तक इसका सर्टिफिकेट जारी करने का निर्देश दिया।