जालंधर में नगर निगम चुनाव में वार्ड तीस में कांग्रेस की सीनियर लीडर जसलीन कौर सेठी को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अजय चोपड़ा कड़ी टक्कर दे रहे हैं। अजय की चुनौती ने सेठी की राह मुश्किल कर दी है। अकाली दल के सीनियर लीडर इकबाल सिंह ढींढसा की पत्नी रमिंदर कौर ढींडसा बतौर आजाद उम्मीदवार मैदान में है। ढींडसा इस वार्ड से पहले दो बार पार्षद रह चुकी हैं। मुख्य मुकाबला अजय चोपड़ा और जसलीन सेठी के बीच बनता दिखाई दे रहा है। ढींडसा की पत्नी और बीजेपी उम्मीदवार भूपिंदर सिंह जॉली के बीच तीसरे स्थान के लिए लड़ाई है। सिख वोट तीन उम्मीदवारों के बीच बंटती नजर आ रही है। अजय चोपड़ा बीजेपी छोड़कर आप में आए हैं।
मास्टर तारा सिंह नगर करेगा फैसला
रमिंदर कौर ढींडसा का मुख्य आधार मास्टर तारा सिंह नगर है। इससे पहले दो बार अकाली तरफ से जब वह जीती तो इस इलाके से क्लीन स्वीप किया। वास्तव में मास्टर तारा सिंह बीजेपी का गढ़ है। इस बार मास्टर तारा सिंह की वोट बंटेगी। अगर बीजेपी की बात करें तो बीजेपी वर्कर के साथ अजय चोपड़ा का अच्छा कनेक्ट है। बीजेपी के वोटर भी अंदरखाते अजय को वोट की हामी भर रहे हैं। जॉली से ज्यादा अजय चोपड़ा की पैठ है बीजेपी में। अजय चोपड़ा अगर अपना पुराना बीजेपी वाला वोट बैंक साथ लाने में कामयाब रहते हैं तो उनके लिए ये जीत आसान हो सकती है। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर टक्कर कांटे की होगी।
अजय चोपड़ा के पास अनुभव
अजय चोपड़ा करीब 24 साल से वार्ड में एक्टिव हैं। पहले बीजेपी और अब आप के साथ जुड़े अजय के पास लंबा अनुभव है। सीनियर बीजेपी लीडर मनोरंजन कालिया के साथ काम का उन्हें अच्छा खासा अनुभव है। इलाके में वह एक जाना-माना चेहरा हैं, जिसका उन्हें फायदा मिलेगा और वह इस चुनावी जंग में आगे दिखाई दे रहे हैं और जीत का माद्दा रखते हैं।
जसलीन सेठी की राह मुश्किल
पूर्व पार्षद डॉ. जसलीन कौर सेठी को इस बार जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योकिं उनके पिछले कार्यकाल के दौरान कई काम अधूरे रह गए थे। इलाके में स्ट्रीट डॉग्स से लेकर पानी की समस्या को लेकर लोगों को दो-चार होना पड़ रहा है। इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां फायदा उठा सकती हैं।
ढींडसा का वोटबैंक बंटा
वहीं वार्ड 30 से इस बार जालंधर से अकाली दल के वरिष्ठ नेता इकबाल ढींडसा की पत्नी रमिंदर कौर ढींडसा का कहना है कि हमारे इलाके का फैसला है कि आजाद उम्मीदवार को जिताया जाए। पहले भी वह आजाद जीत चुकी हैं। सिख वोटबैंक बंटने के कारण इस बार ढींडसा को नुकसान होता नजर आ रहा है।
जॉली से ज्यादा अजय का कनेक्ट
बीजेपी ने भूपिंदर सिंह जॉली को वार्ड 30 से उतारा है। इस सीट पर अजय चोपड़ा के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी रेस से बाहर हो चुकी है। भूपिंदर सिंह की लड़ाई दो तरफा है। एक लड़ाई उनकी बाकी उम्मीदवारों के साथ है और दूसरी लड़ाई बीजेपी का वोटबैंक अजय चोपड़ा को ट्रांसफर होने के मुद्दे पर है। अजय चोपड़ा की इलाके में काफी अच्छी इमेज बनी हुई है और बीजेपी को पसंद करने वाले लोगों का उन्हें सपोर्ट भी हासिल हो रहा है।