Indias top industrialists Ambani-Adani expressed grief : भारत के शीर्ष उद्योगपतियों ने बुधवार को दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने रतन टाटा को भारत के सबसे प्रतिष्ठित और परोपकारी बेटों में से एक बताया। अंबानी के अलावा अरबपति गौतम अडानी और ऑटो सेक्टर के दिग्गज आनंद महिंद्रा ने भी टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले रतन टाटा 86 वर्ष के थे। आइए इस दुखद समय पर देश के बड़े कारोबारियों ने कैसे अपने दिल की बात कही…
एन चंद्रशेखरन ने कही ये बात
टाटा के परिवार ने कहा कि हम - उनके भाई, बहन और परिवार, उन सभी लोगों से मिले प्यार और सम्मान से सांत्वना और सुकून पाते हैं, जो सम्मान करते थे। हालांकि, अब रतन हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विनम्रता, उदारता और उद्देश्य की विरासत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि राष्ट्र के ताने-बाने को आकार दिया है। 1991 से रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक उपस्थिति का विस्तार किया।
मुकेश अंबानी ने जताया दुख
अंबानी ने अपने शोक संदेश में कहा कि यह भारत और भारतीय उद्योग जगत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का निधन न केवल टाटा समूह के लिए बल्कि प्रत्येक भारतीय के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर, रतन टाटा के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है क्योंकि मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है। इससे पहले मुकेश अंबानी रतन टाटा को देखने के लिए ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल भी पहुंचे थे।
अडानी बोले, टाटा अमर रहेंगे
गौतम अडानी ने कहा कि भारत ने एक दिग्गज, एक दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया है जिन्होंने आधुनिक भारत के मार्ग को फिर से परिभाषित किया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि रतन टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे। उन्होंने ईमानदारी, करुणा और व्यापक भलाई के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। उनके जैसे दिग्गज अमर रहते हैं। ओम शांति।
टाटा का देश में अहम योगदान
आनंद महिंद्रा ने कहा कि भारत की इकोनॉमी ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर है और टाटा के जीवन और कार्य का हमारे इस स्थिति में आने में बहुत बड़ा योगदान है। इस समय उनकी सलाह और मार्गदर्शन अमूल्य होता। उनके चले जाने के बाद हम उनके खड़े किए उदाहरण का अनुकरण करने के लिए प्रतिबद्ध हों। क्योंकि वह एक ऐसे बिजनेसमैन थे जिनके लिए वित्तीय धन और सफलता तब सबसे उपयोगी थी जब इसे ग्लोबल कम्यूनिटी की सेवा में लगाया जाता था।
ईमानदारी के प्रतीक थे टाटा
आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक्स एक्स हैंडल पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि घड़ी की टिक-टिक थम गई है। टाइटन अब नहीं रहा। रतन टाटा नैतिक नेतृत्व, ईमानदारी और परोपकार का एक प्रतीक थे। जिन्होंने व्यापार जगत और उससे अलग एक अलग और अमिट छाप छोड़ी है। वे हमारी यादों में हमेशा रहेंगे।
देश के सबसे बड़े बिजनेस आइकन
बायोकॉन लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने अपने एक्स हैंडल पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि सबसे दुखद खबर है। वह सबसे बड़े बिजनेस आइकन थे। मुझे उन्हें जानने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वह महान व्यक्ति और महान दिमाग के धनी थे। ॐ शांति।