Indias relations with neighboring country Bangladesh may deteriorate : बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के बाद पीएम शेख हसीना ने 5 अगस्त को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गईं। हसीना C-130 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से शाम 6 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पहुंचीं। शेख हसीना के हाथ से सत्ता जाने से भारत की टेंशन बढ़ गई है। शेख हसीना अगर भारत में रह जाती हैं तो फिर पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ संबंध बिगड़ सकते हैं।
युद्ध मोल लेगा बांग्लादेश
दरअसल दलाई लामा जब तिब्बत से भागकर भारत आये थे तो उस समय से चीन के साथ संबंध बिगड़ गए। उस समय से ही भारत और चीन एक दूसरे के दुश्मन बने बैठे हैं। इसी तरह अगर शेख हसीना भारत में रुक जाती हैं तो फिर ऐसे में बांग्लादेश के साथ संबंध ख़राब होगा। शेख हसीना हमेशा से भारत के पक्ष में रही हैं। बांग्लादेश की अन्य राजनीतिक पार्टियां चीन और पाकिस्तान समर्थक है।
अलर्ट पर बीएसएफ जवान
आने वाला समय दोनों देशों की दोस्ती का इम्तिहान लेगा। इधर बांग्लादेश में अस्थिरता को देखते हुए बॉर्डर पर फ़ोर्स अलर्ट है। बीएसएफ के जवान सीमा पर मुस्तैदी से पहरा दे रहे हैं। भारत-बांग्लादेश के बीच की 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर सभी यूनिट हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है। राज्य सरकारें भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
ये थी प्रदर्शन की वजह
बता दें कि 1971 में जब बांग्लादेश आजाद हुआ था तो वहां 80 फीसदी कोटा सिस्टम लागू हुआ। इसमें पिछड़े जिलों के लिए 40%, स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में 30% और महिलाओं को 10% का आरक्षण दिया गया। वहीं सामान्य छात्रों के लिए महज 20 फीसदी सीटें रखी गई। बाद में पिछड़े जिलों के आरक्षण को घटाकर 10% कर दिया गया।
इस्तीफे को अड़े छात्र
इसमें अल्पसंख्यकों के लिए 5% और विकलांग छात्रों के लिए 1% कोटा और जोड़ दिया गया। जिसके बाद सामान्य छात्रों के लिए 44% सीटें बचीं। वहीं स्वतंत्रता सेनानियों के बेटे-बेटियों को मिलने वाले आरक्षण में उनके पोते-पोतियों को भी जोड़ दिया गया। छात्र इसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में वो शेख हसीना के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए।
अभी कितना है आरक्षण
वर्तमान में बांग्लादेश में सिर्फ 7 फीसदी आरक्षण है। छात्रों के प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को 56% से घटाकर 7% कर दिया था। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों को 5% कोटा, माइनॉरिटी, ट्रांसजेंडर और दिव्यांग को 2% कोटा कर दिया गया। देश में 93% नौकरियां मेरिट के आधार पर देने का निर्णय लिया गया। हालांकि इससे भी छात्र खुश नहीं हुए और शेख हसीना के पद छोड़ने की मांग करने लगे। धीरे-धीरे प्रदर्शन हिंसक हो गया व प्रधानमंत्री को देश छोड़कर भागना पड़ा।