गिद्दड़बाहा उपचुनाव में भाजपा से प्रत्याशी रहे मनप्रीत बादल ने अपनी हार स्वीकार की है। बादल ने लोगों का उन्हें वोट देने के लिए धन्यवाद किया। वहीं, उन्होंने आम आदमी पार्टी के डिंपी ढिल्लों को जीत की बधाईंयां दी हैं। इस दौरान ये भी कहा कि लोगों ने अमरिंदर सिंह राजा वडिंग का अहंकार तोड़ा है। वहीं, मनप्रीत बादल ने हार के बावजूद भी अपने दफ्तर में लड्डू बांटे है। उनका कहना है कि ये लड्डू वडिंग की हार की खुशी में है।
मनप्रीत बादल ने कहा कि नतीजे अपनी पसंद के मुताबिक नहीं थे। दो महीने का समय गिद्दड़बाहा में मजबूत संबंध बनाने का समय नहीं था। उन्होंने डिंपी ढिल्लो को कहा कि वह इसे जीत को इनाम न समझा जाए इम्तहान समझा जाए। उन्होंने कहा कि राजा वडिंग की दौलत उसे हार से नहीं बचा सकी।
वडिंग पर साधा निशाना
बादल ने कहा कि जब से वह एमएलए बने है। उनके दो बयान गूंज रहे है। पहला कि मैं गरीब परिवार से हूं। दूसरा मैं यतीम हूं। मनप्रीत बादल ने कहा कि उन्होंने हमेशा बादल परिवार की सियासत की निंदा की है। लेकिन जब अपनी टिकट की बारी आई तो अपने ही घर में रखनी मुनासिब समझी। दूसरे की विरासत हमेशा गलत लगती है, जबकि अपनी विरासत सही लगती है।
2027 में बीजेपी की सरकार बनाने का किया दावा
मनप्रीत बादल ने आगे कहा कि लोगों ने उन्हें कहा था कि इस बार वे उन्हें वोट नहीं डाल सकते, लेकिन 2027 में उन्हें ही वोट डालेंगे क्योंकि हमने राजा वड़िंग के अहंकार को तोड़ना है, और उनके गर्दन के किल्ले को तोड़ना है।
जितनी बकाया उम्र गिद्दड़बाहा हलके के लिए
मैंने चुनावों के दौरान भी कहा था और अब भी कहता हूं कि मनप्रीत बादल की जितनी भी बकाया उम्र है, वे गिद्दड़बाहा के हलके की सेवा में प्रयोग करूंगा। जिन्होंने उन्हें वोट नहीं डाली, वे भी उनके दफ्तर में आएं, उन्हें कोई भी काम हैं कहें। उनके बजुर्गों ने ही उन्हें पहले भी जताया है। ये सोच कर उनके ऑफिस में आना बंद ना करना कि इस बार मनप्रीत को वोट नहीं डाली।