If her mother had not taken care, Vinesh Phogats world would have been ruined 21 years ago जिंदगी हर कदम एक नई जंग है, जीत जाएंगे हम तू अगर संग है…वैसे तो ये पक्तियां 90 के दशक में आई बॉलीवुड फिल्म ‘मेरी जंग’ की हैं, लेकिन विनेश फोगाट की लाइफ पर बिल्कुल फिट बैठती है। जीहां उन्होंने कुश्ती मैट पर तो लड़ी ही है लेकिन, एक दंगल उनका जीवन से मैट के बाहर भी चला है। 25 अगस्त 2024 को 29 साल की हो चुकीं विनेश की जिंदगी संघर्ष से भरी रही है।
मिले साथ की बदौलत जिंदगी से जंग भी बखूबी जीतती चली आ रही
जैसे मैट पर लड़ी कुश्ती में कोच के सपोर्ट से उन्होंने जीत की कहानी लिखी। ठीक वैसे ही मां और परिवार से मिले साथ की बदौलत जिंदगी से जंग भी वो बखूबी जीतती चली आ रही है। 25 अगस्त 1994 को जन्मीं विनेश फोगाट के लिए संघर्षों की शुरुआत तभी से शुरू हो जाती, जब वो सिर्फ 9 साल की थीं। साल था 2003 और तारीख 25 अक्टूबर। यही कोई दिवाली से एक हफ्ते पहले करवाचौथ का दिन था।
अभी घर के बाहर ही बैठे थे पिताजी कि चचेरे भाई ने गोली चला दी
वैसे तो इस दिन भारतीय महिलाएं अपने-अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है लेकिन, विनेश की मां यानी प्रेमलता ने व्रत तोड़ने के एक घंटे पहले ही इस दिन अपने पति को खो दिया। विनेश फोगाट के पिता राजपाल, जो कि हरियाणा रोडवेज में ड्राइवर थे। दिन की नौकरी करने के बाद लौटे थे वो अभी घर के बाहर ही बैठे थे कि तभी उनके चचेरे भाई ने अचानक ही उन पर गोली चला दी।
पहली गोली सीने पर, दूसरी माथे पर और छिन गया पिता का साया
पहली गोली राजपाल के सीने पर लगी जबकि दूसरी गोली माथे पर, जिसके बाद पल भर में उनकी मौत हो गई। करवाचौथ के दिन खून से लथपथ पति के मृत शरीर को देखकर विनेश की मां प्रेमलता टूट चुकी थीं लेकिन, फिर उन्हें बच्चों का ख्याल आया। उन्होंने उनकी खातिर खुद को संभाला। इस तरह मां तो जिंदगी जीने का नया मकसद मिला और विनेश फोगाट को अपने सिर वो हाथ, जो पिता के चले जाने सा हट सा गया था।
इंटरव्यू में कहा-माता और ताऊ ने संभाला, चैंपियन रेसलर बनाया
इंटरव्यू में विनेश फोगाट ने कहा भी है कि मुझे चैंपियन रेसलर बनाने में मेरी मां का बलिदान और त्याग शामिल रहा है। उन्होंने जितनी कोशिशें मुझे कामयाब बनाने के लिए की हैं, उसे मैं कभी नहीं भूला सकती। मैं उन सबके लिए अपनी मां का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगी। जिंदगी के इस बड़े हादसे से उबरने में विनेश फोगाट को अपनी मां के साथ-साथ अपने ताऊ महावीर फोगाट का भी बड़ा सपोर्ट मिला।
पिता का सपना था कि गांव बावली में लाडली का कभी स्वागत हो
विनेश के पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक चैंपियन रेसलर बने। उनका सपना था कि उनके गांव बावली में उनकी लाडली का भी कभी गर्मजोशी से स्वागत हो। गीता-बबिता के पिता और दोणाचार्य अवॉर्डी महावीर फोगाट ने पिता के सपने को साकार करने में विनेश को काफी मदद की। विनेश फोगाट ने एक इंटरव्यू में कहा भी है कि उनके ताऊ ने उन्हें कभी अपने पिता की कमी महसूस होने नहीं दी।
पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद घर की वापसी की बात अलग रही
विनेश फोगाट की लाइफ में वैसे तो पहले भी कुछेक मौके रहे जब वो अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप से वापस लौटीं तो गांव बावली में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया लेकिन, 29वें जन्मदिन से कुछ दिन पहले पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद जिस तरह से विनेश के स्वागत में बावली में जश्न मना, उसने स्वागत के पिछले सारे आयामों को तोड़कर रख दिया।
ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलो कुश्ती इवेंट में हिस्सा लिया था
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट ने इतिहास रचा था। वो ओलंपिक की मैट पर फाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई थी लेकिन फाइनल से पहले हुए वेट इन में उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा रहने के चलते उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती इवेंट में हिस्सा लिया था।
मैट हो या सड़क… विनेश हर जगह लड़ी मर्दानी, दुनिया को चौंकाया
पेरिस में ही विनेश ने अपना आखिरी ओलंपिक खेला क्योंकि, यहां वजन बढ़ने के बाद अयोग्य करार दिए जाने की घटना के बाद उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया। विनेश ने रियो में अपना पहला ओलंपिक खेला था। वहां 48 किलोग्राम कैटेगरी में लड़ते हुए क्वार्टरफाइनल में विनेश का घुटना चोटिल हो गया था। लगभग डेढ़ साल तक कुश्ती से दूर रहने के बाद उन्होंने फिर से वापसी करते हुए दुनिया को चौंकाया।
ओलंपिक से परे वर्ल्ड चैंपियनशिप की मैट पर देखने को मिला दबदबा
उसके बाद टोक्यो ओलंपिक में खेलने गई पर वहां कुछ खास नहीं कर सकी थीं। ओलंपिक से परे वर्ल्ड चैंपियनशिप की मैट पर विनेश का लगातार दबदबा देखने को मिला। कुश्ती की मैट पर तमाम लड़ाईयां लड़ने के अलावा विनेश फोगाट ने एक लड़ाई मैट के बाद सड़क पर उतरकर भी लड़ी थी। विनेश की वो लड़ाई महिला रेसलरों के यौन उत्पीड़न से जुड़ी थीं। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए आरोपों से जुड़ी थी।