Ekadashi is considered very important and auspicious, sins are destroyed : हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि बेहद महत्वपूर्ण व शुभ मानी जाती है। इस दिन प्रभु श्री हरी विष्णु की विधिवत आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है। जल्द ही 2025 की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में पहली एकादशी का व्रत जनवरी में रखा जाएगा। आइए जानते हैं एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत पारण का समय...
2025 की पहली एकादशी
साल 2025 का पहला एकादशी व्रत पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाएगा। दृक पंचांग के अनुसार, जनवरी 09, 2025 को 12:22 पी एम से एकादशी तिथि की शुरुआत होगी, जनवरी 10, 2025 को 10:19 ए एम तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, 10 जनवरी को एकादशी व्रत रखा जाएगा। व्रत का पारण 11 जनवरी को किया जाएगा, जिसका शुभ मुहूर्त 07:15 ए एम से 08:21 ए एम तक रहेगा। पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय 08:21 ए एम तक है।
एकादशी की पूजा-विधि
स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें। भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें। प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें। मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें। संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें। पौष पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें। प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं। अंत में क्षमा प्रार्थना करें।