आसपास मौजूद वायरस और बैक्टीरिया के कारण हमेशा बीमारियों का खतरा बना रहता है और वैक्सीनेशन हमें बीमारियों से बचाने में मदद करता है। दरअसल यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Defence system) को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आपके शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा सिस्टम का उपयोग करके जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
ऐसे में वायरस और बैक्टीरिया से फैलने वाली अन्य बीमारियों की रोकथाम भी वैक्सीन से की जा सकती है। इन्हीं बीमारियों में से एक मेनिनजाइटिस की बीमारी भी है। बता दें कि यह बीमारी हर जगह और सभी को प्रभावित करता है लेकिन छोटे बच्चों को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में डबल्यूएचओ ने इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए हाल ही में इंस्टाग्रामम पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमे इस बीमारी के लक्षण से लेकर रोकथाम के बारे में बताया है।
साथ ही वो बताते है कि मेनिनजाइटिस एक विनाशकारी बीमारी है जिसमें मृत्यु दर बहुत अधिक है, जो गंभीर दीर्घकालिक जटिलताओं का कारण बन सकती है। आइए इस मेनिनजाइटिस की बीमारी के बार में विस्तार से जानते हैं।
क्या है मेनिनजाइटिस की बीमारी
मेनिनजाइटिस एक बीमारी है जिसकी वजह से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास के ऊतकों में सूजन हो जाती है। हालांकि इस बीमारी के लिए आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है।
वायरल मैनिंजाइटिस आमतौर पर मैनिंजाइटिस का कम खतरनाक रूप है और यह आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है। बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस एक चिकित्सीय आपातकाल है जिसका शीघ्र निदान और उपचार करना बेहद जरूरी है।
मेनिनजाइटिस की समस्या होने पर नजर आने वाले लक्षण
बुखार होना
चिड़चिड़ापन आना
गर्दब में जकड़न मसूस होना
बहुत ज्यादा नींद आना
सिर में दर्द रहन
जी मिचलाना
उल्टी और दस्त
बैंगनी-लाल त्वचा पर चकत्ते या चोट का निशान नजर आना
मेनिनजाइटिस के रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन जरूरी
इस बीमारी से बचने क लिए वैक्सीनेशन जरूर कराएं। वहीं आप मेनिंगोकोकल कॉन्जुगेट टीका लगवा सकते हैं। दरअसल ये इन्जेक्शन चार प्रकार (सेरोग्रुप ए, सी, डब्ल्यू और वाई) निसेरिया मेनिंगिटिडिस बैक्टीरिया से बचाता है। वहीं सेरोग्रुप बी मेनिंगोकोकल (मेनबी) टीका एक प्रकार (सेरोग्रुप बी) निसेरिया मेनिंगिटिडिस बैक्टीरिया से बचाता है।
ऐसे में अगर आपका बच्चा 13 या 14 वर्ष हो चुका है तो यह वैक्सीनेशन जरूर कराए। अगर किसी कारणवश आपके बच्चे को यह इन्जेक्शन नहीं लगा तो आप अपने बच्चे को 25 की उम्र तक वैक्सीनेशन लगवा सकते हैं।