आजकल लोगों में अकेलेपन की समस्या काफी बढ़ गई है। हर व्यक्ति अकेले में रहना पसंद कर रहा है। बता दें कि अकेलापन दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है। खासतौर से यह बुजुर्गों और युवाओं को अपना शिकार बना रहा है। हालांकि इसका असर हर उम्र के लोगों पर देखा जा रहा है। अकेलापन आपको मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। जो लोग अकेला रहना पसंद करते हैं, वे अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा तनाव या चिंता में रहते हैं। अकेलापन व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक, दोनों स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अकेले रहने के कारण आप डिप्रेशन में आ सकते हैं या फिर आपके मन में आत्महत्या करने का ख्याल आ जाता है।
भारत सहित कई देशों में इसका खतरा हाल के वर्षो में काफी देखा जा सकता है। असल में कोरोना महामारी के बाद लोनलीनेस के कारण होने वाली मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में अब इजाफा देखा जा रहा है। आपको बता दें कि अकेलापन यानी Loneliness कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। WHO ने अकेलेपन को 'ग्लोबल हेल्थ थ्रेट' मान लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट जारी कर इसका ऐलान किया। WHO ने अकेलेपन को एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बताया। साथ ही ये भी कहा कि आने वाले वक्त में बुजुर्गों और युवाओं के स्वास्थ्य पर इसका गहरा असर होगा। रिपोर्ट में सामने आया है कि हर चार में से एक बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार है। WHO ने अकेलेपन को धूम्रपान पीना जितना खतरनाक बताया है।
15 सिगरेट पीना जितना खतरनाक है अकेलापन
सिगरेट को सेहत के लिए काफी नुकसानदायक माना गया है। सिगरेट पीने से शरीर के कई अंग बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। सिगरेट पीने से फेफड़े, हृदय और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, WHO ने अकेलेपन को सिगरेट पीने जितना नुकसानदायक बताया है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो एक दिन में 15 सिगरेट पीने से शरीर को जितना नुकसान पहुंचता है, अकेले रहने से भी शरीर को उतना ही नुकसान पहुंचता है।
WHO के अनुसार, वृद्ध वयस्कों में अकेलेपन के कारण कई तरह के मानसिक रोगों का जोखिम बढ़ रहा है। अकेलेपन की वजह से डिमेंशिया रोग विकसित होने का जोखिम 50 फीसदी तक बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, अकेलापन कोरोनरी धमनी रोग और स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ाता है। किशोरावस्था में भी लोग अकेलेपन में रहना पसंद कर रहे हैं।
यह करेगा आयोग
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने बताया कि दुनिया भर में सामाजिक अलगाव और अकेलेपन की उच्च दर के स्वास्थ्य और कल्याण पर गंभीर परिणाम होंगे। पर्याप्त मजबूत सामाजिक संबंधों के बिना लोगों को स्ट्रोक, चिंता, मनोभ्रंश, अवसाद, आत्महत्या समेत अन्य खतरे भी हैं। उन्होंने कहा WHO आयोग वैश्वकि स्वास्थ्य प्राथमिकता के रूप में सामाजिक संबंध स्थापित करने में मदद करेगा।
WHO की ओर से गठित इस आयोग में अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति और अफ्रीकी संघ के युवा दूत, चिडो मपेम्बा, समेत 11 सदस्य होंगे। यह आयोग तीन साल तक सभी उम्र के लोगों के सामाजिक संपर्क बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा और बड़े पैमाने पर सामाजिक संबंध बनाने के लिए समाधानों की रूपरेखा तैयार करेगा। इसके अलावा आयोग ये भी तय करेगा कि प्रमुख समुदायों और समाज की भलाई के लिए सामाजिक कनेक्शन कैसे काम करते हैं।
अकेलेपन को दूर करने के लिए अपनाएं ये उपाय -
- अकेलापन दूर करने के लिए आप अपनी हॉबीज पर ध्यान दे सकते हैं। अगर आपको डांसिंग का शौक है, तो आप डांस क्लासेस ज्वांइन कर सकते हैं।
- इसके अलावा, अकेलापन दूर करने के लिए आप अपने दोस्तों के साथ भी बातचीत कर सकते हैं। दोस्तों के साथ घूमने जाएं या फिर बातचीत करें।
- अकेलापन दूर करने के लिए परिवार के लोगों के साथ ज्यादा समय बिताएं। आप उन्हें अपनी समस्याएं शेयर कर सकते हैं। इससे आपको थोड़ा अच्छा महसूस हो सकता है।
क्या भारतीय युवाओं में इसकी समस्या अधिक?
मई 2022 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में भारतीय युवाओं में बढ़ती लोनलीनेस की समस्या को लेकर चिंता जाहिर की गई थी। इसमें ये देखा जा सकता है कि अकेलेपन की समस्या से शरीर को कई अन्य समस्याएं हो रही हैं।
कई हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि डब्ल्यूएचओ की ये पहल सराहनीय है. क्योंकि अकेलेपन की समस्या हृदय रोग, डिमेंशिया से लेकर स्ट्रोक, अवसाद, चिंता और समय से पहले मौत के जोखिम को बढ़ा सकती है।