WHO ने इस साल की टीबी की ग्लोबल रिपोर्ट जारी की है। बता दें कि साल दर साल भारत अपने यहां टीबी मरीजों को काबू करने में कामयाब तो हो रहा है मगर टीबी की रेस मे भारत अभी भी दुनिया से पिछड़ा हुआ है। दुनिया के सबसे ज्यादा टीबी मरीज भारत में ही हैं। पूरी दुनिया में पिछले साल 2022 में 75 लाख लोगों को टीबी (WHO TB Report) की बीमारी हुई। इनमें से 4 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें MDR TB यानी मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट टीबी हो गया। इन मरीजों पर टीबी की कोई दवा असर नहीं कर रही। ऐसा आमतौर पर दवाओं को बार बार बीच में छोड़ देने से होता है और ये टीबी लगभग लाइलाज हो जाता है। साल 2022 में टीबी का शिकार होने वालों में 55% पुरुष, 33% महिलाएं और 12% बच्चे हैं। बता दें कि इनमें से 13 लाख लोगों की मौत हो गई।
हर साल 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीबी
दुनिया भर में औसतन हर साल 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीबी हो रही है। औसतन हर 10 हजार में से 133 लोगों को हर साल टीबी हो जाता है। भारत में ये आंकड़ा 10 हजार पर 210 मरीजों का है। भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस से टीबी मरीजों में सबसे ज्यादा कमी दर्ज की गई है। इन तीन देशों से ही कुल मिलाकर 60 प्रतिशत केस घट गए। लेकिन दुनिया भर में टीबी मरीजों में इजाफा करने वालों में भारत पहले नंबर पर है। भारत से कुल केस के 27 प्रतिशत मामले दर्ज हो रहे हैं। दुनिया के आठ देशों से कुल केस के दो तिहाई केस रिपोर्ट हो रहे हैं। ये देश हैं -
- भारत 27%
- इंडोनेशिया 10%
- चीन 7%
- फिलिपींस 7%
- पाकिस्तान 5.7%
- नाइजीरिया 4.5%
- बांग्लादेश 3.6%
- कॉंगो 3%
टीबी रिपोर्टिंग का नया सिस्टम लागू
इस साल से सरकार ने टीबी मरीजों की रिपोर्टिंग दर्ज करने के लिए नए सिस्टम को लागू किया है। इसकी वजह से WHO में जो आंकड़ें दर्ज हुए हैं उनमें इस वर्ष सुधार किया गया है। इससे भारत का ग्राफ पहले से बेहतर है लेकिन फिर भी टीबी मरीजों के मामले में भारत लक्ष्य से बहुत पीछे है। दुनिया समेत भारत का लक्ष्य 2025 यानी अगले दो सालों में टीबी मुक्त होने का है। दुनिया के किसी भी कोने में टीबी मरीज के होने का मतलब है कि कोई भी देश खुद को टीबी से सुरक्षित नहीं मान सकता। भारत में फिलहाल आंकडे यहीं बता रहे हैं कि सभी के लिए ये लक्ष्य मुश्किल होगा।
बता दें कि सरकार टीबी मरीजों के लिए पानी की तरह पैसा भी बहा रही है। 2018 से दिसंबर 2022 तक टीबी के 71 लाख मरीजों को नि-क्षय पोषण योजना के तहत 2 हज़ार 90 करोड़ रुपए दिए गए हैं। पिछले साल 1 करोड़ 40 लाख थूक जांच और 58 लाख nucleic acid amplification tests किए गए, जिनका खर्च सरकार ने उठाया. 6,31,683 (4.5%) में इन टेस्ट के जरिए टीबी होने की पुष्टि हुई। इसके अलावा नि-क्षय मित्र योजना लाई गई, जिसमें लोगों से कहा गया कि वो टीबी मरीजों को गोद लें, उनके इलाज का खर्च उठाएं। जनवरी 2023 तक इस योजना के तहत 58 हज़ार लोगों ने 9 लाख टीबी मरीजों के इलाज और खाने की जिम्मेदारी उठाई।
दुनिया के 26 प्रतिशत टीबी मरीज भारत में
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 722 जिलों में सरकार का कार्यक्रम पहुंच चुका है. लेकिन आज भी दुनिया में सबसे ज्यादा टीबी मरीज भारत में हैं. WHO के मुताबिक दुनिया के 26 प्रतिशत टीबी मरीज (TB Update in India) भारत में हैं. यानी दुनिया के कुल टीबी मरीजों का हर चौथा मरीज भारत में मौजूद है. WHO ने 2025 तक भारत में टीबी खत्म करने के लिए हर साल 10 परसेंट की दर से टीबी मरीजों को कम करने का लक्ष्य रखा. सरकार के मुताबिक एक साल में32% मरीजों का टीबी ठीक हुआ लेकिन उससे तेजी से मरीज बढ़ भी गए।
TB से बचाव के उपाय -
अपनी रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बूस्ट करने के उपाय अपनाएं। इसके लिए संतुलित आहार लें और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ना जाएं।
- प्रदूषण, धूल-धुआं और दूषित हवा वाले स्थानों पर जानें से बचें।
- टीबी के मरीजों से थोड़ी दूर रहकर ही बात करें।
- टीबी के मरीज जब किसी से मिलें तो कमरे में एसी बंद कर दें और खिड़कियां-दरवाजे खोल दें। दरअसल, कोरोना की तरह टीबी के बैक्टेरिया भी बंद कमरे में घूमता रहता है और वहां आने वाले अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।
- टीबी के मरीज हमेशा मास्क पहनकर ही दूसरों से मिलें।
- खांसते और छींकते समय चेहरे को साफ नैपकिन या रूमाल से कवर करें और इस्तेमाल के बाद इन चीजों को कूड़े में डाल दें।
- इसी तरह टीबी के मरीजों को कहीं भी थूकने से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे भी टीबी की बीमारी फैल सकती है।
- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।