कटरीना कैफ और विजय सेतुपति स्टारर फिल्म मेरी क्रिसमस की लेंथ 2 घंटे 24 मिनट है। फिल्म की कहानी तब की है, जब मुंबई को बंबई कहा जाता था। कहानी शुरू होती है एल्बर्ट के रोल में दिखे विजय सेतुपति से, जो सात साल बाद अपने घर वापस आया है। उसके मुताबिक वो दुबई में था, लेकिन असलियत कुछ और है। क्रिसमस के मौके पर वो क्लब जाता है, जहां उसकी मुलाकात मारिया के रोल में दिखी कटरीना कैफ और उसकी बेटी से होती है, जो टेडी बियर लिए बैठी रहती है। मारिया का बॉयफ्रेंड उसे और उसकी बेटी को बिना बताए छोड़कर भाग गया है। हालात ऐसे बनते हैं कि मारिया और एल्बर्ट उस रात करीब आ जाते हैं। उसके बाद मारिया एल्बर्ट को अपने घर लेकर चली जाती है। इसके बाद फिल्म की असल कहानी शुरू होती है, जिसमें कई ट्विस्ट और टर्न के साथ मर्डर मिस्ट्री दिखाई गई है।
विजय सेतुपति हर एक किरदार में ढलने के लिए मशहूर हैं। यही कारण है कि वो बॉलीवुड फिल्ममेकर की पहली पसंद बन गए हैं। उन्होंने एल्बर्ट के किरदार को शानदार तरीके से बड़े पर्दे पर जिया है और कई जगह वो आपको हंसने पर भी मजबूर कर देंगे। दूसरी तरफ, कैटरीना कैफ ने भी अपनी एक्टिंग से पर्दे पर छाए रहने की पूरी कोशिश की है। हालांकि, कहीं-कहीं वो एक्सप्रेशन देने में चूक गई हैं। संजय कपूर और विनय पाठक को स्क्रीन स्पेस कम मिला है, लेकिन बावजूद दोनों ने अपना काम जबरदस्त किया है।
फिल्म का डायरेक्शन श्रीराम राघवन ने किया है। उन्हें लीग से हटकर फिल्में देने के लिए जाना जाता है। मगर, इस बार वो उम्मीदों पर खरे उतरने में फेल हो गए। प्रिडिक्टेबल कहानी के साथ बेहद ही साधारण क्लाइमेक्स फिल्म को थोड़ा कमजोर बना दी है। उन्होंने कहीं-कहीं पर डायरेक्शन से फिल्म को बांधने की कोशिश की है, लेकिन अगले ही पल वो फेल हो गए हैं।
सस्पेंस ड्रामा के हिसाब से फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी अच्छा है। अरिजीत सिंह की आवाज में एक गाना 'रात अकेली थी' सुनने में बहुत अच्छा लगता है।
अगर आपको सस्पेंस ड्रामा फिल्में पसंद हैं तो आप मेरी क्रिसमस के लिए जरूर एक बार थिएटर जा सकते हैं। फिल्म के कुछ-कुछ सीन्स बहुत खास हैं और आपको पुरानी बॉलीवुड फिल्मों की भी याद दिलाएंगे।