खबरिस्तान नेटवर्क। फिल्म मिशन रानीगंज की कहानी देश के मशहूर माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल पर बेस्ड है। जसवंत सिंह गिल ने कोयला खदान में काम करने वाले 65 मजदूरों की जान बचाई थी। अक्षय कुमार ने उनका रोल निभाया है। फिल्म की लेंथ 2 घंटे 14 मिनट है।
फिल्म की कहानी
फिल्म में एक इंसान की सूझबूझ और अदम्य साहस की कहानी दिखाई गई है। बात 1989 की है, जसवंत सिंह गिल और उनकी टीम ने रानीगंज में कोयले की खदान से 65 मजदूरों को निकालने के लिए एक रेस्क्यू मिशन किया था। मजदूर जिंदा रहने की आशा छोड़ देते हैं ,ऐसे में जसवंत सिंह गिल उनके लिए मसीहा बनकर आते हैं। जसवंत सिंह गिल दृढ़ निश्चय के साथ मजदूरों को बचाने में लग जाते हैं और आखिरकार सफल भी होते हैं।
स्टारकास्ट की एक्टिंग
कई फ्लॉप्स देने के बाद इस फिल्म को अक्षय कुमार ने पूरी तरह से अपने कंधों पर संभाला है। उन्होंने जसवंत सिंह गिल के किरदार को बड़े सहज तरीके से निभाया है। फिल्म में परिणीति चोपड़ा का भी एक छोटा सा रोल है। छोटे से रोल में उन्होंने ठीक-ठाक काम किया है। सपोर्टिंग एक्टर्स में रवि किशन, पवन मल्होत्रा, वरुण बडोला और जमील खान ने अपने-अपने रोल के साथ न्याय किया है।
फिल्म का डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन टीनू सुरेश देसाई ने किया है। टीनू ने कहानी को अंत तक रोचक बनाकर रखा है। फिल्म की स्पीड भी ठीक है। बैकग्राउंड म्यूजिक का सही इस्तेमाल किया गया है। असीम मिश्रा की सिनेमैटोग्राफी कमाल की है, उन्होंने कोयले के खदान वाले सीक्वेंस को पर्दे पर बखूबी दिखाया है।
उन्होंने रेस्क्यू मिशन की बारीकियों और तकनीकियों को बहुत अच्छे से प्रेजेंट किया है। स्क्रीनप्ले में कुछ जगह कमी देखने को मिली है। हालांकि एडिटिंग की वजह से फिल्म दिलचस्प हो जाती है। कुमुद मिश्रा जैसे एक्टर्स से और अच्छा काम लिया जा सकता था। पूरी फिल्म में वो एक ही हाव-भाव में दिखते हैं।
फिल्म का म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक मेलोडियस है, सुनने में अच्छा लगता है। खासकर सतिंदर सरताज की आवाज में 'जलसा' और विशाल मिश्रा का ट्रैक 'कीमती' आपको इसके बोल गुनगुनाने पर मजबूर कर देगा।
हमारे आस-पास कई हीरोज हैं, जिनके बारे में हमने कभी सुना ही नहीं होता। यह फिल्म ऐसे ही एक जांबाज हीरो की कहानी है। उम्मीद और प्रेरणा से भरी हुई इस फिल्म को एक बार जरूर देखना चाहिए। अगर आप अक्षय कुमार के फैन हैं तो यह फिल्म आपके लिए है।