अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ स्टारर फिल्म बड़े मियां छोटे मियां रिलीज हो गई है। एक्शन ड्रामा बेस्ड इस फिल्म की लेंथ दो घंटे 44 मिनट है।
फिल्म की कहानी
देश पर बहुत बड़ी विपदा आने वाली है। देश का दुश्मन पृथ्वीराज सुकुमारन (कबीर) भारत पर AI की मदद से बहुत बड़ा हमला करने वाला है। देश की फोर्स और इंटेलिजेंस के पास इस मुसीबत से निपटने के लिए सिर्फ तीन दिन का वक्त है। ऐसे में इंडियन फोर्स अपने दो पुराने ऑफिसर फिरोज (अक्षय कुमार) और राकेश (टाइगर श्रॉफ) को याद करती है। इन दोनों को कबीर के नापाक मंसूबों के खात्मा के लिए भेजा जाता है। इस मिशन में दोनों का साथ देती हैं, मानुषी छिल्लर (मिशा) और अलाया एफ यानी पैम। जब कबीर की भिड़ंत राकेश और फिरोज से होती है, तो दोनों को सदमा लग जाता है। राकेश और फिरोज फ्लैश बैक में चले जाते हैं। कबीर भी एक वक्त पर इंडियन आर्मी से जुड़ा रहता है। वो फिरोज और राकेश का अच्छा दोस्त रहता है। अब ऐसी क्या बात है कि वो अपने ही देश और अपने ही लोगों का दुश्मन बन जाता है, इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
स्टारकास्ट की एक्टिंग
कोई शक नहीं है कि अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ दोनों ने अपने रोल में प्रभावित किया है। दोनों एक्टर्स ने बड़ी आसानी से मुश्किल से मुश्किल एक्शन सीक्वेंस करके दिखाए हैं। खासकर तौर पर टाइगर ज्यादा फ्लेक्सिबल लगे हैं। बीच-बीच में अक्षय की कॉमिक टाइमिंग मजेदार लगती है। मानुषी छिल्लर भी ठीक लगी हैं। अलाया एफ थोड़ी ओवर एक्टिंग करती दिखी हैं। सीनियर आर्मी ऑफिसर के रोल में रोनित रॉय ने भी अच्छा काम किया है। हालांकि इन सब के इतर पृथ्वीराज सुकुमारन सबसे बेस्ट लगे हैं। वो एक तरह से सरप्राइज एलिमेंट बनकर उभरे हैं। आप अक्षय और टाइगर के नाम पर फिल्म देखने जाएंगे, लेकिन जब थिएटर से निकलेंगे तो सुकुमारन की चर्चा करेंगे।
डायरेक्शन
डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने फर्स्ट हाफ में कहानी को बिल्कुल इंटरेस्टिंग बनाकर रखा है। इंटरवल के ठीक पहले एक सस्पेंस भी देखने को मिलेगा। सेकेंड हाफ में कहानी बिल्कुल प्रिडिक्टेबल हो जाती है, हालांकि ऐसा नहीं है कि आप बोर हो जाएंगे। कुछ डायलॉग्स जरूर घिसे-पिटे या आउटडेटेड लगेंगे। एकाध जगह छोड़ दें तो फिल्म का VFX ओवरऑल बढ़िया है। फिल्म का विजुअल और साउंड इफेक्ट सबसे बड़ा पॉजिटिव पॉइंट है।
फिल्म का BGM शानदार है। BGM पुराने वाले बड़े मियां छोटे मियां (1998) की धुन पर बनाया गया है। पूरी फिल्म में यही एक BGM बनता है। फिल्म में दो तीन गाने हैं, जो सीक्वेंस के हिसाब से जंचते हैं, लेकिन अलग से सुनने लायक नहीं हैं। विशाल मिश्रा ने फिल्म का म्यूजिक दिया है, जबकि इरशाद कामिल ने लिरिक्स लिखे हैं।
एक्शन के दीवानों के लिए यह एक मस्ट वॉच फिल्म है। फिल्म देखने में एंटरटेन होंगे, इसकी पूरी गारंटी है। हां, अगर लॉजिक खोजने लग जाएंगे तो फिर निराशा ही होगी। यह फिल्म पूरी तरह एंटरटेनमेंट को दिमाग में रख कर बनाई गई है, रियलिटी से इसका कोई संबंध नहीं है। हां, यह फिल्म हमें एक चीज जरूर बताती है कि अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत यूज हो तो यह पूरी मानवता के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।