पंजाब में पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद तारीखों को लेकर लेकर विरोध होना शुरू हो गया है। श्री गुरु रविदास टाइगर फोर्स के अध्यक्ष जस्सी तलहन ने कहा कि पंजाब में पंचायत चुनाव की तारीख को बदला जाए, वरना हम 4 अक्तूबर को जालंधर बंद का आह्वान करेंगे, क्योंकि सरकार का ये आदेश अनुसूचित जाति के खिलाफ है।
बता दें कि 15 अक्टूबर को चुनाव होंगे, उससे 2 दिन बाद यानी 17 अक्टूबर को श्री भगवान वाल्मीकि जी का परगट दिवस है। तलहन ने कहा कि 16 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि के अनुयायियों द्वारा पूरे पंजाब में परगट दिवस की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जिसके कारण वह इसमें व्यस्त रहेंगे, ऐसे में वह चुनाव में अच्छे से भाग नहीं ले पाएंगे। साथ ही चुनाव के दौरान समाज के प्रोग्राम और शोभायात्रा में भी बाधा आएगी। ऐसे में हमारे समाज की सुरक्षा के खिलवाड़ नहीं हो सकता।
15 अक्तूबर को पंजाब में पंचायत चुनाव होंगे। इसी दिन रिजल्ट भी आएंगे। वहीं, चुनाव के लिए 27 सिंतबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, जो चार अक्तूबर तक चलेगी।
नोटा का भी कर सकेंगे इस्तेमाल
राज्य के इलेक्शन कमिश्नर राज कमल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी और बताया कि राज्य में पंचायत चुनाव के लिए कुल 19,010 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। मतदान बैलेट पेपर से होगा। 1,33,97,932 कुल मतदाता ग्राम पंचायत चुनाव में वोट डालेंगे। इस बार मतदाता नोटा का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
चुनाव को लेकर हाईकोर्ट पहुंचा था मामला
बता दें कि पंजाब में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के चुनाव न कराए जाने को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी। कुछ दिन ही पंजाब सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जवाब देते हुए इन्हें जल्द करवाने की बात कही थी।
13 हजार ग्राम पंचायतें हो चुकी भंग
बता दें कि पंजाब में तकरीबन 13,000 ग्राम पंचायतें पहले ही भंग हो चुकी थी। दो सप्ताह पहले शेष 153 में से 76 पंचायत समितियों को भी सरकार ने भंग कर दिया था। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषद हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया था।
होशियारपुर में सबसे ज्याद पंचायतें
राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। बीते साल दिसंबर से भंग पंचायतों के चुनाव अभी तक पेंडिंग चल रहे थे।
6 महीने पहले ही पंचायतें कर दी थी भंग
पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि 6 महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है।
वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों ने चुन कर भेजे हैं। इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था।