Coronavirus Update News : नए साल के जश्न और बढ़ती ठंड के बीच कोरोना तेजी से फैल सकता है, लेकिन जब तक अस्पताल जाने की नौबत नहीं आ रही इसे साधारण वायरल फ्लू की तरह समझने में कोई बुराई नहीं है. ध्यान देने वाली बात ये है कि 24 घंटे में तीन मौते हुई हैं. ये तीनों मौतें गुजरात (1) और कर्नाटक में (2) हुई हैं. ये वो दोनों राज्य हैं जहां इस समय JN.1 के सबसे ज्यादा मामले हैं. बता दें कि इस समय देश में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 4093 है. पिछले 24 घंटे में 529 नए मरीज कोरोना के शिकार हुए हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन बनाने में फार्मा कंपनियां दिलचस्पी दिखा रही हैं. सूत्रों के मुताबिक पुणे की सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया नए वेरिएंट JN.1 के खिलाफ वैक्सीन बनाने के लिए सरकार के पास आवेदन ले जा सकती है. बता दें कि सिरम इंस्टीट्यूट ने ही कोविड वेरिएंट xbb.1 के खिलाफ वैक्सीन तैयार की थी, हालांकि भारत में ट्रेंड्स को देखते हुए वैक्सीन रिसर्च में शामिल डॉक्टर नहीं मानते की भारतीयों को किसी और वैक्सीन की जरुरत है।
फिलहाल बूस्टर डोज लगवाने की भी जरुरत नहीं
स्टार इमेजिंग लैब्स के निदेशक समीर भाटी ने बताया,' भारत ने कोरोनावायरस के नए वेरिएंट JN.1 के मामले बढ़कर 109 हो गए हैं. नए वेरिएंट के सबसे ज्यादा केस गुजरात में पाए गए हैं यहां इस वेरिएंट के 36 मरीज मिलने की पुष्टि हुई है जबकि गुजरात में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 59 है। कर्नाटक में जेएन.1 के कुल 34 मरीज मिले हैं. यहां कुल कोरोना मरीजों की संख्या 409 है. नए वेरिएंट के हिसाब से तीसरे नंबर पर गोवा है. यहां कुल 14 केस नए वेरिएंट वाले पाए गए हैं.' वैक्सीन रिसर्चर्स के मुताबिक लोगों को फिलहाल बूस्टर डोज लगवाने की भी जरुरत नहीं है।
कोरोना टेस्ट करवाना जरुरी नहीं समझ रहे लोग
एम्स दिल्ली के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर डॉ संजय राय ने बताया कि एम्स दिल्ली और एम्स गोरखपुर ने मिलकर लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडीज की पड़ताल की है. इस रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज लगवाई हैं या जिन लोगों को कभी कोरोनावायरस का इंफेक्शन हो चुका है उनमें फिलहाल कोरोना से लड़ने के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा कवच यानी एंटीबॉडी हैं. यही वजह है कि भारत में 4000 से ज्यादा मरीजों के बाद भी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या नहीं बढी है. यहां तक कि लोग कोरोनावायरस का टेस्ट करवाना भी जरुरी नहीं समझ रहे।