कनाडा के ब्रैम्पटन में मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने श्रद्धालुओं के साथ मारपीट की थी। खालिस्तानी समर्थकों ने श्रद्धालुओं को लाठी-डंडे से पीटा। खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शन में शामिल होने वाले एक पुलिस अधिकारी हरिंदर सोही को सस्पेंड कर दिया है। हरिंदर सोही पील रीजनल पुलिस चीम में अधिकारी के पद पर है।
लगाए जय श्री राम के नारे
जिसके बाद ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग खालिस्तान समर्थकों के हमले के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जमा हुए हैं। लोग खालिस्तान मुर्दाबाद और जयश्री राम के नारे लगा रहे हैं। इस दौरान कनाडाई सार्जेंट के खालिस्तानियों के प्रदर्शन में शामिल होने को लेकर पुलिस के खिलाफ भी गुस्सा जाहिर किया और 'पील पुलिस, शर्म करो' जैसे नारे लगाए।
भारी संख्या में पुलिस तैनात
इस घटना के बाद काफी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पील पुलिस के मीडिया ऑफिसर रिचर्ड चिन ने बताया कि पुलिस को मंदिर के बाहर हिंसा से जुड़े फुटेज मिले हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसमें पुलिस अधिकारी प्रदर्शन में शामिल नजर आ रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है।
अब तक 3 लोगों पर हिंदू मंदिर के बाहर भारतीय कॉन्सुलर अधिकारियों पर हमले के मामले में केस दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि मंदिर के बाहर हिंसा के बाद उसके आसपास दूसरी जगहों पर प्रदर्शन के मामले सामने आए है।
हिंसा में जो शामिल थे उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा
वही, पुलिस चीफ निशान दुरईप्पा ने कहा कि उन्हें पहले ही हमले की जानकारी मिली थी। सभी को प्रदर्शन करने और अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इस दौरान किसी भी तरह की हिंसा या अपराध को स्वीकार नहीं किया जाएगा। हिंसा में जो लोग शामिल थे, उन्हें गिरफ्तार करके सजा दी जाएगी।
इस मामले में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा में मंदिर पर हमले का मामला चिंतित करने वाला है। ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए जयशंकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में चिंता जताई है। कनाडा में भारतीय डिप्लोमैट्स की जासूसी को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्हें बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की आदत पड़ गई है।
पीएम मोदी ने की थी निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने कहा कि हमें कनाडा सरकार से कार्रवाई की उम्मीद है। ऐसी घटनाएं हमें कमजोर नहीं कर सकतीं। वहीं विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा की सरकार से पूजास्थलों की रक्षा की अपील की थी।
इससे पहले कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।