चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। 10 मई को बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद आज बद्रीनाथ धाम के कपाट भी सुबह 6 बजे भक्तों के लिए खोल दिये गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चार और श्री बद्री विशाल लाल की जय के नारों के साथ मंदिर के कपाट खोले गए। लगभग 15 क्विंटल फूलों से मंदिर की भव्य सजावट की गई। इस दौरान 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे। मंदिर का कपाट तीन चाबियों से खोला गया।
6 महीने से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन हुए
कपाट खुलते ही पहले दर्शन अखंड ज्योति के हुए। यह 6 महीने से जल रही है। इसके बाद बद्रीनाथ पर चढ़ा हुआ घी से बना कंबल हटाया गया। जो 6 महीने पहले कपाट बंद होने के समय भगवान को ओढ़ाया जाता है। इस कंबल को प्रसाद रूप में बांटा जाएगा। मंदिर के कपाट पिछले साल 18 नवंबर को बंद हुए थे। यानी 179 दिन बाद बद्रीनाथ के कपाट खोले गए।
नवंबर तक रहती है जारी
बद्रीनाथ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा की जाती है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र धाम बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर (10,279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। तीर्थयात्रा आम तौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में शुरू होती है और नवंबर तक जारी रहती है।
मंदिर की दिव्य उत्पत्ति
यह मंदिर भगवान विष्णु, बद्रीनारायण को समर्पित है। मंदिर की उत्पत्ति हिंदू पौराणिक कथाओं में डूबी हुई है, ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान है जहां भगवान विष्णु ने पांडव भाइयों को उनके निर्वासन के दौरान दर्शन दिए थे।