एअर इंडिया के विमान में खामियों का सिलसिला लगातार जारी है। वही अब दिल्ली से वॉशिंगटन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट में अचानक तकनीकी खराबी आ गई। जिसके कारण इसे ऑस्ट्रिया के विएना एयरपोर्ट पर रोकना पड़ा। यह घटना 2 जुलाई को हुई जब विमान विएना में निर्धारित ईंधन भरने के दौरान रुका हुआ था। लेकिन इसी दौरान मेंटेनेंस टीम ने विमान में एक तकनीकी गड़बड़ी का पता लगाया, जिसके बाद सुरक्षा के लिहाज से फ्लाइट को आगे उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई।
यात्रियों को आवश्यकता अनुसार मिली सुविधा
इस घटना केकारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा, लेकिन एयर इंडिया ने स्थिति को संभालने के लिए तुरंत कदम उठाए। जिन यात्रियों की आगे की यात्रा थी, उन्हें दिल्ली लौटने वाली फ्लाइट में बुक किया गया या फिर उनकी सुविधा अनुसार अन्य वैकल्पिक उड़ानों में स्थानांतरित कर दिया गया। इसके साथ ही जो यात्री यात्रा रद्द करना चाहते थे, उन्हें पूरा रिफंड ऑफर किया गया।
वही इससे पहले 14 जून को एक और एयर इंडिया विमान हादसे के करीब पहुंच गया था। दिल्ली से वियना जा रही फ्लाइट AI-187 टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद गंभीर तकनीकी चेतावनियों की चपेट में आ गई थी। करीब 900 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा विमान अचानक से नीचे गिरने लगा। विमान को इस संबंध में तमाम वॉर्निंग भी मिली थीं।
शेकर’ अलार्म हुए एक्टिव
कॉकपिट में लगातार अलार्म बजने लगे— 'स्टॉल वॉर्निंग' और ‘GPWS डोंट सिंक’ जैसी चेतावनियां पायलट्स को बताने लगीं कि अब और देरी खतरे को दावत दे सकती है। इसके साथ ही स्टिक शेकर’ अलार्म भी एक्टिव हो गया यह सिस्टम तब सक्रिय होता है जब विमान स्टॉल की कगार पर पहुंच जाता है और पायलट के कंट्रोल कॉलम को ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगता है, ताकि पायलट को स्थिति की गंभीरता का तुरंत एहसास हो।
वियना में सुरक्षित लैंडिंग
हालांकि इस दौरान पायलट्स ने समय पर निर्णय लेते हुए तुरंत विमान की दिशा और गति पर नियंत्रण पाया और उसे सुरक्षित ऊंचाई पर पहुंचा दिया। फ्लाइट ने आगे की 9 घंटे की यात्रा पूरी की और वियना में सुरक्षित लैंडिंग की। वहां से नया क्रू आया और विमान को टोरंटो के लिए रवाना कर दिया गया। बता दे कि अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे में 270 लोगों की मौत हुई है।