शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगी थी अब इसी को लेकर आप प्रवक्ता मलविंदर कंग का बयान आया है। उन्होंने कहा गलतियों की माफी होती है गुनाह की तो सजा होती है। इन्होंने गलती नहीं की गुनाह किया है। जब पता है कोई रास्ता नहीं बचा तो माफी मांग रहे है।
इन पर कोई भरोसा करने की जरूरत नहीं
मलविंदर कंग ने आप तीखा निशाना साधते हुए कहा कि सियासत भी इन्होंने ही की, दोषियों पर गोलियां चलवा कर मरवा दिया फिर कहते है सजा नहीं दिलवा सके। मासूम लोगों को अकाली दल ने जेल में डाल दिया था। प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलाई। ये सब एक राजिनीतिक सटंट था इन पर कोई भरोसा करने की जरूरत नहीं है।
कंग ने कहा कि पिछले छह सात साल में इन्होंने कोई इस पर बातचीत नहीं की अब ये ड्रामेबाजी कर रहे है। झूठे पश्यताप पर कोई भरोसा करने की जरूरत नहीं है। सियासत इतनी सिर चढ़ गई थी कि गुरु साहिब की बेअदबी का ध्यान ही नहीं रहा।
सुखबीर बादल ने मांगी थी माफी
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के दौरान जो बेअदबियां हुई हैं, उसका प्रकाश सिंह बादल को हमेशा मलाल रहा है। बेअदबियां उनके सीएम के रहते हुई और हालात ऐसे बनाए गए थे कि मामला सीबीआई को सौंपना पड़ा था। हम दोषियों को पकड़ नहीं पाए, इसके लिए भी माफी मांगता हूं।
सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब के सामने कहा कि हमारी सरकार के दौरान अगर किसी का भी, सरकार या सरकार के बिना, दुख या दिल दुखाया हो तो हम माफी मांगते हैं। हमारे राज में बेअदबी हुई उसके लिए हम माफी मांगते हैं। हम इसके दोषी नहीं पकड़ सके, इसके लिए भी माफी। असल दोषी व सियासत करने वालों की शक्लों को भी कौम के सामने लेकर आएंगे।
प्रकाश सिंह बादल को हमेशा इसका दुख रहा
सुखबीर बादल ने कहा कि स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल को हमेशा इस बात का दुख रहा कि उन्हें दोषियों को पकड़ने का मौका नहीं दिया गया। सभी ने इकट्ठे होकर कौम की भावनाओं को भड़काया और दबावा डाला। जिस कारण पूरा मामला सीबीआई को देना पड़ा। ताकि अकाली दल इस मामले की जांच न कर सके।
दूसरी सरकारों के दौरान 10 से ज्यादा बेअदबियां हुईं
सुखबीर बादल ने आगे कहा कि दूसरी सरकारों के दौरान जब गोल्डन टेंपल, पटियाला, श्री आनंदपुर साहिब में बेअदबी हुई तो किसी ने आवाज नहीं उठाई। किसी के पास टाइम नहीं था कि वह जाकर देख सकें। अकाली दल को कमजोर किया गया ताकि कौम पर हमला कर सकें।