खबरिस्तान नेटवर्क। लोगों का मानना था कि इरफान खान फीस चार्ज करने के मामले में बहुत सख्त रहे हैं। वो बिना अधिक फीस लिए काम नहीं करते। इस वजह से कई लोग उन्हें पसंद भी नहीं करते थे। इस पर उनका कहना था कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। कई बार ऐसा हुआ है कि उन्होंने सिर्फ आधी फीस ही चार्ज की है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया था कि फिल्मों की कमाई से ही उनका घर का खर्च चलता है।
एक एक्टर को अपनी वैल्यू पता होनी चाहिए और उसी के हिसाब से फीस चार्ज करना चाहिए। शुरुआत में उन्हें भी बाकी कलाकारों की तरह शो बाजी करने का शौक था। लेकिन वो समय रहते समझ गए थे कि काम से घर चलता है ना कि शो बाजी से।
कहानी के हिसाब से फिल्म का चार्ज डिसाइड करते थे
2011 में कोमल नाहटा ने एक इंटरव्यू के दौरान इरफान से कुछ सवाल किए थे। कोमल ने उनसे पूछा था कि ऐसा क्यों कहा जाता है कि इरफान बिना फीस लिए कभी काम नहीं कर सकते। उनके हिसाब से फीस ना मिले तो वो काम नहीं करते। इस पर इरफान खान का कहना था, ऐसा नहीं है सर। कभी-कभी किसी प्रोजेक्ट में ऐसा होता है कि आपका ही प्रोडक्ट बन जाते हैं और आपके वजह से ही प्रोडक्ट की वैल्यू बढ़ जाती है।
पान सिंह तोमर के लिए चार्ज की आधी फीस
इरफान का कहना था कि पैसों से बढ़कर उनके लिए सिर्फ फिल्म की कहानी होती है। फिल्म पान सिंह तोमर की कहानी उन्हें पसंद आई थी। इसके लिए उन्होंने सिर्फ आधे ही पैसे लिए थे। जब एक एक्टर फिल्म साइन करते हैं, तो उन्हें पता होता है कि फिल्म रिलीज के बाद कैसे परफॉर्म करेगी। उसी के हिसाब से एक्टर फीस कोट करते हैं।
फिल्म के प्रोड्यूसर को स्टार के नाम से काफी फायदा होता है। अगर किसी प्रोड्यूसर को मेरे नाम से ज्यादा फायदा नहीं होता, तब मैं भी अधिक फीस लेने के पक्ष में नहीं रहता। एक्टर को अपनी वैल्यू के हिसाब से ही फीस चार्ज करना चाहिए।
दिवंगत एक्टर ने आगे कहा था, पहले मैं चाहता था कि मेरे पास बहुत सारी गाड़ियां और बंगले हों लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब इन चीजों से काम पर बिल्कुल असर नहीं पड़ता। हालांकि ये इंडस्ट्री तो सिर्फ शो बाजी पर ही बेस्ड है। अगर बिना काम किए सिर्फ शो बाजी ही करूंगा तो बेवकूफ ही लगूंगा। इस कारण अच्छा काम करना बहुत जरूरी है। मुझे पता है कि शो बाजी करने से कोई फायदा नहीं होता। अगर होता तो मैं भी उसका फायदा जरूर उठाता।
इरफान ने कुल 69 फिल्मों में काम किया और पद्मश्री समेत कई सम्मान से नवाजे गए थे।