खबरिस्तान नेटवर्क: भारतीय शेयर बाजार में आज काफी गिरावट हुई है। इसे ऐतिहासिक गिरावट और सबसे बड़ी गेप डाउन ओपनिंग कहा जा रहा है। बाजार ने रिकॉर्ड गिरावट के कारण निवेशकों को बड़ा झटका दे दिया है। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ही मुख्य सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज हुई है इसके कारण बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव भी आया है।
निवेशकों के लिए रहा ब्लैक मंडे
ऐसे में आज भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए आज का दिन ब्लैक मंडे रहा है। प्रमुख सूचकांकों के रिकॉर्ड में गिरावट आई है जिसके कारण निवेशकों को भी भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। निफ्टी में यहां 1154 अंकों की गिरावट के साथ 21,750 पर कारोबार रहा है वहीं सेंसेक्स में 3,851 अंकों की गिरावट के साथ 71,512 के स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये 30 पैसे गिरकर 85.74 डॉलर पर पहुंच गया है। विशेषज्ञों ने बताया है कि इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों में अस्थिरता, वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और घरेलू बाजारों में असमंजस की स्थिति बन गई है। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के द्वारा लगातार बिकवाली और घरेलू आर्थिक संकेत भी चिंता का कारण बन रहे हैं।
सर्तक रहें निवेशक
विशेषज्ञों ने निवेशकों से कहा है कि वो अपनी निवेश रणनीति पर एक बार दोबारा विचार करें। इसके अलावा फ्यूचर में लंबी अवधि के निवेश को ही प्राथमिकता दें। बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को भी सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है।
दुनियाभर के शेयर बाजारों में दिखा असर
शेयर बाजार में आई गिरावट का असर दुनियाभर में देखा जा रहा है। अमेरिकी बाजारों में एसएंडपी 500 वायदा कारोबार 4.31% गिरी है वहीं नैस्डैक वायदा 4.5% नीचे आ चुका है। जापान का निक्केई इंडेक्स 7.8% गिरकर 2023 के निचले स्तर पर पहुंच गया है। दक्षिण कोरिया के बाजारों में भी 4.6 % की गिरावट देखी गई है। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स और ताइवानी बेंचमार्क 10% तक नीचे आ गया है।
आखिर किस वजह से आई शेयर मार्केट में गिरावट?
शेयर मार्केट में आई भारी गिरावट का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा कई देशों पर लगाई गई भारी टैरिफ हैं। इन टैरिफ के कारण कई देशों ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ भी बढ़ा दिए हैं। इसमें चीन और कनाडा जैसे देश भी शामिल है। इस ट्रेड वॉर के बढ़ने की आशंका ने वैश्विक महंगाई और मंदी का खतरा भी बढ़ दिया है। इससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी है और निवेशक अब पैसा लगाने से पहले भी सोच रहे हैं।