सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचे 1,000 यात्रियों की मौत हो गई है। 12 जून से 19 जून तक चलने वाली इस हज यात्रा में अब तक कुल 1,000 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी बताई गई है। इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसके साथ ही डिप्लोमैट्स ने कहा कि मक्का के सबसे बड़े मुर्दाघरों में से एक अल-मुआइसम में कुल 550 शव थे।
मरने वालों में मिस्र के सबसे ज्यादा नागरिक शामिल

एक अरबी डिप्लोमैट ने बताया कि मरने वालों में करीब 658 हाजी अकेले मिस्र के हैं। वहीं 1400 लोग अब भी लापता हैं।हालांकि सऊदी अरब की तरह से अब तक मरने वालों की संख्या को लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है।
कई भारतीय हज यात्रियों की भी हुई मौत
मक्का में भीषण गर्मी में जान गंवाने वालों में कई भारतीय भी शामिल हैं। इनकी संख्या फिलहाल 70 बताई जा रही है। वहीं हज कमेटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, इस साल सबसे ज्यादा 1.75 लाख भारतीय हज यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
पिछले साल 240 लोगों ने दम तोड़ा था

इससे पहले पिछले साल हज पर गए 240 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर इंडोनेशिया के थे। सऊदी ने सभी यात्रियों को छाते इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्हें लगातार पानी पीने और धूप से बचने के लिए कहा जा रहा है।
हज क्या है...
हज, दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में शुमार है। इसे इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि सभी मुसलमानों को कम से कम एक बार हज की यात्रा पर जरूर जाना चाहिए।
हर साल दुनियाभर के मुस्लिम सऊदी अरब के मक्का में हज के लिए पहुंचते हैं। हज में पांच दिन लगते हैं और ये ईद उल अजहा या बकरीद के साथ पूरी होती है। सऊदी अरब हर देश के हिसाब से हज का कोटा तैयार करता है।
इनमें इंडोनेशिया का कोटा सबसे ज्यादा है। इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया का नंबर आता है। इसके अलावा ईरान, तुर्किये, मिस्र, इथियोपिया समेत कई देशों से हज यात्री आते हैं। हज यात्री पहले सऊदी अरब के जेद्दाह शहर पहुंचते हैं। वहां से वो बस के जरिए मक्का शहर जाते हैं।