कभी आपने सोचा है कि दिमाग का यूज़ हमारी बॉडी के नाने भाग को भी एक्टिव रखता है। वहीँ यदि इसका यूज़ कम होता है तो ये हमारे लिए दिक्कत भी पैदा कर सकता है। बता दें दिमाग पर काफी बार रिसर्च भी हो चुकी है।
वहीँ कई रिसर्च में एक ही बात सामने आती है कि हम अपने दिमाग का बहुत कम या छोटा सा हिस्सा ही इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हमारी मानसिक क्षमता काफी ज्यादा होती है और हम इसका बहुत कम इस्तेमाल करते हैं।
मशीनों पर निर्भर
अब लाइफ स्टाइल ऐसा है कि हमारा दिमाग कम यूज़ होता है। इसका कारण ज्यादातर चीजों में हम मशीनों पर ही निर्भर हो गये हैं। आम दिनचर्या में लोग दिमाग से ज्यादा फोन का यूज़ कर रहे हैं। डेटा स्टोर करने के लिए किसी ना किसी इलेक्ट्रॉनिक सामान का यूज़ किया जा रहा है।
लेकिन, ये सभी काम आपका दिमाग भी कर सकता है, दिमाग में इतनी पावर होती है कि वो कम्प्यूटर के बराबर काम कर सकता है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर दिमाग कितना पावरफुल होता है।
पावरफुल है दिमाग
यूँ तो सबसे पावरफुल कम्प्यूटर दिमाग ही माना जाता है। इसकी वजह ये है कि दिमाग में 10 अरब से ज्यादा न्यूरॉन्स होते हैं और इससे कई गुना तक उनके कनेक्शन होते हैं, जो सूचनाओं का आदान प्रदान करने में सक्षम हैं।
ये न्यूरॉन्स सिग्नल के लिए स्टेशन का काम देते हैं। सवा किलो वजन वाला दिमाग इतना पावरफुल है कि शरीर को मिलने वाले आधे से ज्यादा पोषक तत्व दिमाग के ही काम में आते हैं।
शरीर की 20 फीसदी ऑक्सीजन, 25 फीसदी ग्लूकोज का इस्तेमाल दिमाग ही करता है। यानी यह शरीर के वजन का 2 फीसदी होता है, मगर 20 फीसदी तक एनर्जी का इस्तेमाल करता है।
एक हिस्सा ही काम करता है
बता दें जब तक आप 40 साल के होते हैं, तब तक दिमाग का काफी विकास हो चूका होता है। साथ ही यह शरीर का सबसे फैटी अंग भी है। एक दिन में दिमाग में 70 हजार से ज्यादा आने की सम्भावना होती है। ज्यादातर नेगेटिव थॉट ही आते हैं।
वैसे 10 फीसदी हिस्से के यूज़ करने का मतलब ये नहीं है कि आपका 10 फीसदी काम करता है, वैसे तो दिमाग का हर एक हिस्सा काम करता रहता है और यह जरूरी भी है, लेकिन हम दिमाग में काफी कुछ स्टोर कर सकते हैं।
अगर मैमोरी की बात करें तो दिमाग में 2.5 मिलियन गीगाबाइट के बराबर डेटा सेव हो सकता है।
महिलाओं और पुरुषों में दिमाग अलग अलग होता है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पुरुषों का दिमाग आकार में महिलाओं के दिमाग से थोड़ा ही बड़ा होता है। इसका मतलब ये नहीं है कि पुरुषों का दिमाग महिलाओं से ज्यादा तेज चलता है या बेहतर है। यहाँ फर्क सिर्फ आकार का ही है।
साथ ही एक रिसर्च में सामने आया था कि महिलाओं के दिमाग के बाएं और दाएं हिस्से में सूचना का आदान-प्रदान थोड़ा ज्यादा है। बल्कि, पुरुषों के दिमाग में आगे और पीछे के हिस्सा में सूचना का आदान-प्रदान ज्यादा होता है।
इससे पता चलता है कि महिलाओं में ज्यादा संवेदना होती है और पुरुषों में स्थान को लेकर झुकाव होता है।