सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (डीवाई चंद्रचूड़) 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो रहे है। लेकिन आज उनका लास्ट वर्किंग डे था। इस अवसर पर उन्होंने अपना विदाई संदेश दिया। CJI चंद्रचूड़ की विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी। जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग हुई।
लोगों से मांगी माफी
उन्होंने अपने संदेश में कहा कि अगर मैंने अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाया हो तो मुझे माफ कर दीजिए, विदाई समारोह में वह भावुक भी दिखे। इसमें उनके साथ जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला, सीनियर वकीलों के अलावा 10 नवंबर से CJI का पद संभालने वाले जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हुए। बता दें कि जस्टिस खन्ना देश के 51वें CJI बनेंगे।
612 फैसले लिखे, आज भी 45 केस की सुनवाई की
बता दें कि जस्टिस जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को बतौर सिटिंग जज, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किए गए थे। अपने कार्यकाल में CJI चंद्रचूड़ 1274 बेंचों का हिस्सा रहे। उन्होंने कुल 612 फैसले लिखे। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में CJI चंद्रचूड़ ने सबसे ज्यादा फैसले लिखे हैं। आखिरी दिन भी उन्होंने 45 केस की सुनवाई की।
2 साल में ये बड़े फैसले सुनाए
CJI चंद्रचूड़ के 2 साल के कार्यकाल के बड़े फैसलों में आर्टिकल 370, राम जन्मभूमि मंदिर, वन रैंक-वन पेंशन, मदरसा केस, सबरीमाला मंदिर विवाद, चुनावी बॉन्ड की वैधता और CAA-NRC जैसे फैसले शामिल हैं।
पिता विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI रहे
CJI चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। उनका कार्यकाल 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक, यानी करीब 7 साल तक रहा। पिता के रिटायर होने के 37 साल बाद उसी पद पर बैठे। जस्टिस चंद्रचूड़ पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट भी चुके हैं।
कोर्ट और ज्यादा हुआ हाईटेक
CJI चंद्रचूड़ के कार्यकाल में कोर्ट और ज्यादा हाईटेक हुआ। इनमें ई-फाइलिंग में सुधार, पेपरलेस सबमिशन, पेंडिंग केसेस के लिए व्हाट्सएप अपडेट, डिजिटल स्क्रीन, वाई-फाई कनेक्टिविटी, एडवांस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, पेंडिंग केस की लाइव ट्रैकिंग, सभी कोर्टरूम से लाइवस्ट्रीमिंग शामिल रही।
न्याय की देवी को नए तरीके से बनाया
सुप्रीम कोर्ट की लाइब्रेरी में ‘लेडी ऑफ जस्टिस’ को CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ऑर्डर देकर बनवाया। इसका उद्देश्य यह संदेश देना है कि देश में कानून अंधा नहीं है और यह सजा का प्रतीक नहीं है। इसके अलावा 1 सितंबर को नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ डिस्ट्रिक्ट ज्यूडिशियरी के वैलेडिक्ट्री इवेंट में सुप्रीम कोर्ट का फ्लैग और चिह्न भी जारी किया गया।
छुट्टियों का बदला कैलेंडर
सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्म अवकाश की जगह आंशिक न्यायालय कार्य दिवस शब्द का प्रयोग होगा। नए कैलेंडर के अनुसार इस साल यह अवधि 26 मई 2025 से 14 जुलाई 2025 तक रहेगी। नए नियमों के तहत अवकाश जज को जज कहा जाएगा। रविवार को छोड़कर 95 दिनों से ज्यादा छुट्टी नहीं होगी। पहले यह संख्या 103 थी।
2 साल तक पद पर रहने के बाद सेवानिवृत्त
सीजेआई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के प्रमुख होते हैं, जो सुप्रीम कोर्ट और देश के अलग अलग हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति की सिफारिश करता है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 2 साल तक पद पर रहने के बाद सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश कर दी थी।
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना 11 नवंबर 2024 को 6 महीने के कार्यकाल के लिए चीफ जस्टिस के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। वह 13 मई 2025 तक अपने पद पर बने रहेंगे। इसके बाद वह रिटार हो जाएंगे। जनवरी 2019 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया था। वे वर्तमान में कंपनी कानून, मध्यस्थता, सेवा कानून, समुद्री कानून, नागरिक कानून और वाणिज्यिक कानून सहित अन्य के लिए रोस्टर पर हैं।
भोपाल गैस त्रासदी में सुनाया था अहम फैसला
अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में जस्टिस संजीव खन्ना 358 पीठों का हिस्सा रहे हैं और 90 से अधिक निर्णय दिए हैं। 2023 में उन्होंने शिल्पा शैलेश में संविधान पीठ का फैसला सुनाया था। यूओआई बनाम यूसीसी में वे उस बेंच का हिस्सा थे जिसने भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुनाया था।
पिछले साल वह 3 जजों वाली पीठ का हिस्सा थे, जिसने एससी और एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण पर सुनवाई की थी। 2019 में उन्होंने प्रसिद्ध 'आरटीआई जजमेंट' में बहुमत से फैसला सुनाया था। 2022 में उन्होंने कहा कि मध्यस्थ एकतरफा अपनी फीस तय नहीं कर सकते।