संसद के शीतकालीन शत्र के दौरान बुधवार(20 दिसंबर) को आपराधिक कानून संशोधन से जुड़े तीन नए बिल लोकसभा से पास हो गए हैं। मोदी सरकार CrPC, IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य बिल- 2023 लेकर आई है। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव कर रही है।
फर्जी सिम लेने पर 50 लाख जुर्माना
राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज जाएगा। इसके बाद यह बिल कानून बन जाएगा। इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल जेल और 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया।
तीनों कानूनों का होगा मानवीकरण
गृहमंत्री ने आपराधिक न्याय प्रणाली से संबंधित तीन नये विधेयकों पर लोकसभा में चर्चा पर जवाब देते हुए कहा नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाये जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।
मॉब लिंचिंग पर होगी फांसी
गृह मंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और नये कानून में इस अपराध में फांसी की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है।
अमित शाह ने बताया कि पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 301 हुआ है। गैंगरेप के आरोपी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल।