पंजाब के अमृतसर में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक युवक ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने का प्रयास किया गया। अब यह मामला काफी गरमा गया है। इस घटना के बाद अब वाल्मीकि समाज ने 6 जगहों पर बंद का आह्वान किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पंजाब के 6 जिले जालंधर, लुधियाना, फगवाड़ा, नवांशहर, होशियारपुर और मोगा आज सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहेंगे। हालांकि, इस दौरान मेडिकल स्टोर, अस्पताल और पेट्रोल पंप जैसी आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगी।
इमरजेंसी सुविधाएं चलेंगी
जालंधर में आज सुबह से भगवान वाल्मीकि चौक, बाबा साहेब अंबेडकर चौक, श्री गुरु रविदास चौक सहित अन्य चौराहों पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि जालंधर बंद के दौरान मेडिकल और यूनिवर्सिटी की परीक्षा देने जा रहे छात्रों समेत अन्य इमरजेंसी सुविधाएं चालू रहेंगी। सरकारी बसें, सरकारी दफ्तर-सेवा केंद्र चलेंगे। जालंधर में सबसे बड़ा प्रदर्शन भगवान वाल्मीकि महाराज चौक (ज्योति चौक), डॉ. बीआर अंबेडकर चौक (नकोदर चौक) और श्री गुरु रविदास चौक पर होगा। साथ ही सभी स्कूलों ने आज छुट्टी घोषित कर दी है।
2500 पुलिस कर्मी सड़कों पर तैनात
जानकारी देते हुए ज्वाइंट कमिश्नर संदीप शर्मा ने कहा कि जालंधर बंद की कॉल को लेकर सभी चौराहों पर पुलिस बल को तैनात किया गया है। इस दौरान करीब 2500 मुलाजिमों को तैनात किया गया है ताकि ऐसे में आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। हालांकि जालंधर बंद के दौरान मेडिकल और यूनिवर्सिटी की परीक्षा देने जा रहे छात्रों समेत अन्य इमरजेंसी सुविधाएं चालू रहेंगी। सरकारी बसें, सरकारी दफ्तर-सेवा केंद्र चलेंगे। जालंधर में सबसे बड़ा प्रदर्शन भगवान वाल्मीकि महाराज चौक (ज्योति चौक), डॉ. बीआर अंबेडकर चौक (नकोदर चौक) और श्री गुरु रविदास चौक पर होगा। साथ ही सभी स्कूलों ने आज छुट्टी घोषित कर दी है।
प्रशासन ने हमें आश्वासन नहीं दिया
सत गुरु कबीर टाइगर फोर्स के अध्यक्ष अरुण संदल, सोमा हंस, बूटा सहित अन्य नेताओं ने कहा कि हमारा समाज श्री अमृतसर साहिब में हुई घटना की निंदा करता है। साथ ही हमें पता चला है कि कुछ शरारती तत्व हमारे नेता बाबा साहिब अंबेडकर चौक पर आए थे। उन्होंने चौक में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने किसी तरह उन्हें रोक लिया। अध्यक्ष ने कहा कि अमृतसर में जो बेअदबी हुई, वह जालंधर में भी हो सकती थी। हमने प्रशासन से बात की थी, लेकिन प्रशासन ने हमें आश्वासन नहीं दिया। जिसके चलते हमें बंद का आह्वान करना पड़ा।