These 5 reasons are behind INDIA groups lottery : बीजेपी के 'अबकी बार 400 पार' का स्लोगन बेअसर नजर आया है। लोकसभा चुनाव 2024 के रुझान थमने के बाद एनडीए को बहुमत हासिल हो चुका है, लेकिन विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक से जबरदस्त टक्कर मिल रही है। ममता बनर्जी के दूरी बना लेने और नीतीश कुमार के एनडीए में चले जाने के बाद INDIA ब्लॉक काफी कमजोर लग रहा था, लेकिन उसका प्रदर्शन उम्मीदों से ज्यादा उम्दा ही रहा है। मोदी सरकार के प्रति लोगों में जो भी असंतोष रहा, विपक्षी गठबंधन उसे भुनाने में सफल रहा है। 2019 के विपरीत विपक्ष इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को भुनाने में भी कुछ हद तक कामयाब रहा है और ये भी साबित हो चुका है कि राम मंदिर उद्घाटन समारोह को लेकर विपक्षी नेताओं का स्टैंड राजनीतिक तौर पर सही था। वैसे विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले अगर प्रधानमंत्री पद का कोई चेहरा पेश कर दिया गया होता तो नतीजे काफी अलग भी हो सकते थे।
1. चुनाव कैंपेन में विपक्ष का नैरेटिव
चुनाव कैंपेन के दौरान नैरेटिव तो दोनो तरफ से सेट करने की कोशिश हुई, लेकिन विपक्ष आरक्षण खत्म करने और संविधान बदलने की बात को मुद्दा बनाने में काफी सफल रहा और तमाम तौर तरीके अपनाने के बावजूद बीजेपी चूक गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नैरेटिव को अपनी स्टाइल में न्यूट्रलाइज करने की कोशिश की लेकिन लोगों को 'ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले', 'घुसपैठिये' 'मंगलसूत्र' जैसे पॉलिटिकल कीवर्ड लोगों को पसंद नहीं आये।
2. क्षेत्रीय दलों के दबदबे का असर
चुनावों से पहले एक सर्वे में बताया गया था कि बीजेपी को क्षेत्रीय दलों से कड़ी चुनौती मिल सकती है और देश भर में ऐसी 200 से ज्यादा सीटें बताई गई थीं। क्षेत्रीय दलों में भी सबसे ज्यादा असरदार यूपी में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नजर आई हैं।
3. मुस्लिम वोटर इंडिया गुट के साथ
एग्जिट पोल के नतीजे भले ही रुझानों से मेल नहीं खा रहे हों, लेकिन मुस्लिम वोटों को लेकर सर्वे सही साबित हुआ है। ये तो साफ साफ हो चुका है कि INDIA ब्लॉक को सबसे ज्यादा वोट मुस्लिम समुदाय से मिला है।
4. बदलाव और जल्द नतीजे चाहते थे
एग्जिट पोल में युवाओं का भी खासतौर पर जिक्र आया था। ये पाया गया था कि बीजेपी के ज्यादातर वोटर 35 साल से ज्यादा उम्र वाले हैं, लेकिन युवाओं का दो वर्ग 18-25 और 25-35 उम्र वर्ग के वोटर बदलाव और जल्द रिजल्ट चाहते हैं और उनका वोट INDIA ब्लॉक को ही मिला है।
5. कांग्रेस प्रदर्शन में सुधार का प्रभाव
इस बार कांग्रेस की न्याय स्कीम चल गई. न्याय योजना तो राहुल गांधी ने 2019 में भी लाये थे, लेकिन समझा नहीं पाये। इस बार उसमें कुछ एड-ऑन फीचर जोड़ दिये गये, और वे काम कर गये। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस की तरफ से '5 न्याय, 25 गारंटी' का वादा किया था, और तभी से पूरे चुनाव कैंपेन में कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे पर जोर दिया - जिसमें युवा न्याय के तहत 'पहली नौकरी पक्की' और महिला न्याय के तहत 'महिलाओं के खाते में एक लाख रुपये' का वादा भी असरदार साबित हुआ है।