खराब जीवनशैली के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहे है। इसमें से ज्यादातर मामले हार्ट अटैक से जुड़े होते हैं। पिछले एक साल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें हार्ट अटैक के कारण 40 साल की उम्र से कम लोगों की मौत हुई है। हार्ट अटैक आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। खराब डाइट, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और स्मोकिंग के कारण हार्ट अटैक और दिल की बीमारियों जोखिम बढ़ सकता है। इसके अलावा, रोजाना खाए जाने वाले कुछ फूड्स भी हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
चीनी और फैट युक्त फूड्स
कई रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि चीनी और फैट वाले फूड्स हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ज्यादा चीनी या वसा का सेवन करने से ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई हो सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन चीजों का सेवन बहुत कम या बिल्कुल भी न करें।
रेड मीट
रेड मीट के अधिक सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, रेड मीट में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है। इससे धमनियों में रुकावट पैदा हो सकती है, जिसके कारण हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ सकता है।
सोडा या शुगरी ड्रिंक्स
बहुत अधिक मात्रा में सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स या मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। इनमें शुगर की ज्यादा मात्रा होती है, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आप अपने दिल को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो इन ड्रिंक्स का सेवन करने से परहेज करें।
Egg Yolk
अंडे में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, इसलिए हेल्दी रहने के लिए लोग इसे डाइट में शामिल करते हैं। लेकिन अगर आपको दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, तो अंडे का पीला हिस्सा खाने से बचें। इसमें कोलेस्ट्रॉल काफी अधिक मात्रा में होता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
ज्यादा तला-भुना खाना
पूड़ी, परांठा, समोसा, पकौड़े और फ्रेंज फ्राइज जैसी फ्राइड चीजों का अधिक सेवन दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, तली हुई चीजों में ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जिससे धमनियों में ब्लॉकेज बढ़ सकती है। इसके कारण हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।