खबरिस्तान नेटवर्क: रुस और युक्रेन के बीच चल रहा युद्ध एक बहुत ही खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। अनाधिकारिक लेकिन लगातार बढ़ रही रिपोर्ट्स के अनुसार, रुस ने अपने रणनीतिक परमाणु बलों को हाई रेडीनेस (सतर्कता की ऊंची स्थित) में डाल दिया है। सूत्रों की मानें तो ओरेश्निक स्थित रुस के मुख्य कमांड पोस्ट जो कि परमाणु हमले के आदेश चेन से जुड़े हैं उनको हाई अलर्ट पर रखा गया है।
गंभीर है हालात
रणनीतिक मिसाइल साइलो (गुप्त भूमिगत ठिकाने) और मोबाइल मिसाइल यूनिट्स को एक्टिव किया जा रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों से यह संकेत भी मिल है कि परमाणु हथियारों की ट्रांसपोर्ट रूट्स पर असामान्य सैन्य गतिविधि हो रही हैं। पिछले 24 घंटों में यूक्रेन द्वारा रूस के एक प्रमुख सैन्य ठिकाने पर भी हमला किया गया, जिसके जवाब में रूस ने इस्कंदर मिसाइलों से पलटवार किया। इन घटनाओं ने रूस को अपने परमाणु ऑप्शन पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है।

परमाणु खतरे की वापसी
यह सिर्फ धमकी नहीं है एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह वही "ठंडी जंग" (Cold War) का डरावना दौर दोबारा लौट आया है, जिसमें दुनिया एक परमाणु युद्ध के मुहाने पर खड़ी हो गई थी। “इस स्तर की तैयारी आखिरी बार क्यूबा मिसाइल संकट (1962) के दौरान देखी गई थी।” इसलिए दुनिया भर के नेता सतर्क और चिंतित हैं। परंपरागत युद्ध और परमाणु तबाही के बीच की रेखा बेहद पतली हो गई है। स्थिति इतनी नाजुक है कि एक छोटी सी चिंगारी भी वैश्विक संकट को जन्म देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया खतरनाक मोड़ पर है क्या इतिहास की अगली कड़ी राख से लिखी जाएगी? यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो यह 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुरक्षा संकट बन सकता है