खबरिस्तान नेटवर्क: नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में आज 5 अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला यह है कि धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 69 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। इसके अलावा किसानों को अब धान की फसल पर प्रति क्विंटल कम से कम 2,369 रुपये मिलेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर होता है जिससे कम पर किसी फसल की खरीद नहीं की जा सकती। दूसरा फैसला दालों की एमएसपी में बड़े इजाफे के तौर पर हुआ है। अब तूर दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़ा दिया है। ऐसे ही क्विंटल तूर दाल पर किसान को कम से कम 8,000 रुपये मिलेंगे।
11 सालों में करीब 50 फीसदी तक का हुआ इजाफा
इसके अलावा उड़द की दाल ता एमएसपी भी 400 रुपये बढ़ाकर 7,800 रुपये कर दिया गया है। मूंग दाल की एमएसपी 86 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 8,768 की गई है। खरीफ फसलों के लिए यह बड़ी बढ़ोतरी किसानों के लिए राहत है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विणी वैष्णव ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि बीते 11 सालों में मोदी सरकार ने तिलहन, दलहन और कपास की एमएसपी में करीब 50 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय को दौगुना करने के लिए लगातार कदम उठा रही है।
4 फीसदी की ब्याज दर पर मिलेगा किसानों को लोन
इस मीटिंग में किसानों के लिए एक और फैसला लिया गया है। किसानों को क्रेडिट कार्ड पर 4 फीसदी की ब्याज दर पर लोन मिलेगा। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। आंध्रप्रदेश के बड़वेल नैल्लोर 4 लाइन हाइवे को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही रतलाम से नागदा रेलवे लाइन को 4 लाइनिंग करने का फैसला हुआ है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार से लगातार किसानों की मांग रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी तय की जाए और इसके लिए कानून बनना चाहिए। सरकार ने इस पर कोई ठोस गारंटी नहीं दी है लेकिन उसका कहना है कि एमएसपी में लगातार इजाफा किया जा रहा है।
हाईवे को मिली मंजूरी
केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश में बडवेल-नेल्लोर के बीच 108 किलोमीटर लंबे फोर लेन हाईवे परियोजना को भी मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की लागत 3,653 करोड़ रुपये है और इसे (Build-Operate-Transfer) मॉडल पर विकसित किया जाएगा जिसकी रियायत अवधि 20 साल होगी।