ख़बरिस्तान नेटवर्क : भारत बंद को लेकर पूरे देश में अलग-अलग यूनियन की तरफ से हड़ताल की जा रही है। जिसका असर जालंधर में भी दिखाई दे रहा है। जालंधर में बैंक यूनियन और बस यूनियन ने अपनी-अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दी है। जिस कारण लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ओल्ड पेंशन को शुरु किया जाए - बैंक यूनियन
बैंक यूनियन का कहना है कि सरकार बैंकों में नई भर्तियां नहीं कर रही है, जिस कारण प्रमोशन भी नहीं हो रहा है। सरकार को बैंकों में नई भर्तियां करनी चाहिए। वहीं 2010 के बाद से बैंक में काम कर रहे हैं, उन्हें ओल्ड पेंशन नहीं दी जा रही है। उन्हें एनपीएस दिया जा रहा है।
सरकार बैंकों को प्राइवेट कर रही
बैंक यूनियन का कहना है कि सरकार जो नीतियां ला रही है, हम उसका विरोध करते हैं। केंद्र सरकार बैंकों को प्राइवेट करने की कोशिश कर रही है और उनके शेयर को भी बेच रही है। वहीं एनपीए लाकर सरकार बड़े बिजनेसमैन को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है। इसलिए हमारी मांगों को सरकार पूरा करें, नहीं तो आने वाले दिन में हड़ताल बढ़ाई जाएगी।
3 साल हो गए पर अब तक मांगे पूरी नहीं हुई - बस यूनियन
यूनियन के प्रधान विक्रजीत सिंह ने कहा कि काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर स्थगित करते आ रहे हैं। कुछ समय पहले सीएम मान के साथ नेताओं की बैठक हुई थी, उस दौरान उन्होंने जल्द ठेकेदारी सिस्टम को बंद कर दिया जाएगा। 3 साल हो गए उनकी मांगे अभी तक पूरी नहीं हो रही। मुख्यमंत्री ट्रांसपोर्ट मंत्री सहित अन्य अधिकारियों को भी लिखित में पत्र दिया है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रहीं। जिसके चलते उन्होंने 3 दिन हड़ताल करने का ऐलान किया है।
कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी मांगे नहीं मानी जा रही
यूनियन के सैक्रेटरी भूपिंदर सिंह ने कहा कि 2011 से पनबस के आने के दौरान उनकी मांगे चल रही है। कोर्ट की ओर से ऑर्डर भी ठेका कर्मियों को पक्का करने के आदेश दे दिए है, लेकिन ना तो पिछली सरकारें उनकी मांगों को पूरा कर रही है और ना ही अब उनकी मांगों को पूरा किया जा रहा है।