जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में रविवार रात आतंकियों ने जेड-मोड सुरंग के कैंपसाइट के पास गैर-स्थानीय लोगों पर हमला किया। इसमें डॉक्टर समेत 7 लोगों की मौत हो गई। वहीं चार मजदूर बुरी तरह से घायल हो गए हैं । जिन्हें श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
मृतकों की हुई पहचान
इस घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया। रविवार रात से शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन सोमवार सुबह भी जारी है। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर की पहचान बड़गाम के शहनवाज अहमद के तौर पर हुई है। वहीं अन्य 6 मृतकों की पहचान पंजाब के गुरदासपुर के गुरमीत सिंह, बहर के रहने वाले अनिल कुमार शुक्ला और फहीम नजीर, कठुआ के रहने वाले शशि अब्रोल, बिहार के मोहम्मद हनीफ और कलीम के रूप में की गई है।
सभी मजदूर सुरंग प्रोजेक्ट का काम कर रहे थे
सभी मजदूर केंद्र सरकार की तरफ से चल रहे सुरंग प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। वहीं इस हमले से 50 किलोमीटर दूर बारामूला में सुरक्षाबलों ने 1 आतंकी को भी मार गिराया है। उसके पास से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद हुए हैं। इस इलाके में भी सर्च ऑपरेशन जारी है।
TRF ने ली जिम्मेदारी
जानकारी ते मुताबिक आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन दि रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा की ही एक शाखा है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 2 दिन पहले सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही इनके पास से 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद की गई थी। सेना के अधिकारियों के मुताबिक दोनों जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स नाम के संगठन से जुड़े हाइब्रिड आंतकी है।
जानें हाइब्रिड आंतकी के बारे में
हाइब्रिड आतंकी आम नागरिकों की तरह ही इलाके में रहते हैं, लेकिन यह चोरी-छिपे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं या आतंकियों की सहायता करते हैं। जिसके कारण इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है।
पुलिस ने बताई क्या थी प्लानिंग
बताया जा रहा है की दोनों आतंकी बॉर्डर के पार पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के संपर्क में थे। जम्मू पुलिस के ADGP आनंद जैन ने कहा कि पूछताछ में पता चला कि दोनों आतंकी ने मंदिर, सेना के ठिकानों और एक अस्पताल पर ग्रेनेड फेंकने की प्लानिंग कर रहे थे।