चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई। इस पर चीफ जस्टिस ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि वोटों की दोबारा से गिनती होगी। उन्होंने यह भी कहा कि रद्द होने वाले 8 वोट वैध माने जाएंगे।
रिटर्निंग ऑफिसर ने बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था
वहीं सीजेआई की बेंच ने इससे पहले सोमवार को सुनवाई में रिटर्निंग ऑफिसर ने कुबूल किया था कि उन्होंने ही बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर से पूछताछ के बाद चुनाव से संबंधित सारे ऑरिजनल वीडियो रिकॉर्डिंग और दस्तावेज मंगाए थे, जो कोर्ट रूम पहुंच चुके हैं। रिटर्निंग ऑफिसर का वीडियो और बैलेट पेपर भी कोर्ट रूम में जमा कर दिए गए हैं।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद कुलदीप कुमार ने मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में 8 वोट अवैध करार दिए जाने के पीठासीन अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अनिल मसीह को लगाई थी कड़ी फटकार
बता दें कि पिछली सुनवाई में मेयर चुनाव की प्रक्रिया पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रशासन और रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि ये लोकतंत्र का मजाक है। इस चुनाव में रिटर्निंग अफसर की हरकत के वीडियो देखकर तो साफ है कि लोकतंत्र की हत्या हुई है।
ये रिटर्निंग ऑफिसर क्या कर रहा है? हम नहीं चाहते कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो। हम ऐसा नहीं होने देंगे। ऐसी स्थिति में सुप्रीम कोर्ट आंखें बंद कर नहीं बैठा रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के दौरान मतदान और मतगणना के समय का वीडियो देखकर की थी।