अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय में एक एमरजेंसी मीटिंग कर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल और शिरोमणि समिति के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से मांगे गए स्पष्टीकरण पत्र को जनतक किया गया। अकाली दल के बागी गुट ने श्री अकाल तख्त साहिब में माफीनामा सौंपा था जिसका जवाब सुखबीर बादल से मांगा गया था।
सभी भूलों को अपनी झोली डालता हूं- सुखबीर
बता दें कि अब जल्द ही सिंह साहिबानों की ओर से मीटिंग ोबुलाई जाएगी। पत्र में सुखबीर बादल ने लिखा कि मैं गुरु साहिब से बिना शर्तों के माफी मांगता हूं और सभी भूलों को अपनी झोली में डालता हूं। उन्होंने लिखा है कि जो कुछ श्री अकाल तख्त साहिब देगा वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने इस माफीनामे में उनके पिता और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के लिखे पत्र को भी जोड़ा है और उसका भी हवाला दिया है।
लगातार सार्वजनिक की उठ रही थी मांग
श्री अकाल तख्त साहिब के सचिव सुखदेव सिंह ने आज यह पत्र सार्वजनिक करते हुए कहा कि संगत की ओर से लगातार मांग कर रही थी कि बंद लिफाफे के स्पष्टीकरण को सार्वजनिक किया जाए।
1 जुलाई को बागी नेताओं ने दिया माफीनामा
गौरतलब है कि 1 जुलाई को बागी अकाली नेताओं ने अकाली सरकार के दौरान हुई गलतियों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को माफीनामा दिया था, जिसके बाद सिंह साहिबों ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को समिति अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया था।
24 जुलाई को सौंपा लिखित स्पष्टीकरण
जिसके बाद 24 जुलाई को दोनों अकाली नेताओं ने अपना लिखित स्पष्टीकरण जत्थेदार साहिब को सौंपा। जानकारी के मुताबिक आज सिंह साहबों ने अचानक बैठक कर दो पत्रों को सार्वजनिक कर दिया है और संभावना है कि आने वाले दिनों में इस संबंध में अहम फैसले की घोषणा की जाएगी।
आज की बैठक में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के अलावा जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह भी मौजूद थे।
माफीनामे में बागी गुट ने इन गलतियों का किया जिक्र
इस पत्र में सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है।