हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में मंत्री मोहर लाल खट्टर ने कैथल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। खट्टर ने इस दौरान कहा कि किसानों का मुखौटा पहनकर पंजाब के कुछ लोगों ने चढ़ाई शुरू कर दी थी। हमने एक साल वो सब भुगता। उसके पीछे मंशा थी कि केंग्र और हरियाणा की सरकारों को कैसे गिराया जाए।
मनोहर लाल खट्टरने कहा कि मुखौटा पहने वो लोग ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में पहुंच गए थे। वहां लाल किले पर चढ़ गए थे। वो किसान नहीं थे। हम तो देशभक्त लोग हैं। कुछ लोग आपको भ्रम में डालेंगे। लेकिन उनके बहकावे में नहीं आना है।
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने मुसीबत खड़ी कर दी
उन्होंने आगे कहा, अब पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने आने-जाने वालों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। लेकिन हरियाणा के लोग इस बात से खुश हैं कि राज्य सरकार ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया।
खट्टर ने कहा हमने इस रास्ते को खोलने के लिए योजना बना ली थी, लेकिन उस पार जो कुछ लोग किसानों का मुखौटा पहनकर बैठे हैं, जो सिस्टम को खराब करना चाहते हैं। ये ऐसे लोग हैं, जो स्थिर सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं। डिटेल में जाने की आवश्यकता नहीं, आपको भी पता है कि वे कौन लोग हैं।
कांग्रेस नेता का आया बयान
मनोहर लाल खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने खट्टर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, किसानों से बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है। किसानों के प्रति राहुल गांधी की कमीटमेंट है।
हाल ही में मंडी की बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा था कि रद्द किए गए कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए और खुद किसानों को इन्हें लागू करने की मांग केंद्र सरकार से करनी चाहिए। अपने इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कंगना ने एक वीडियो जारी कर खेद जताया था और अपने शब्द वापस लेने की बात कही थी।