मौसम हो गर्मी और एसी न चले ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। वहीँ बात अगर रात में सोने की हो तो एसी चलाये बिना नींद नहीं आती है। ऐसे में हम में बहुत से लोग रात भर एसी को चलाकर ही सोते हैं। लेकिन आपको बता दें रात भर एसी में सोने से कई तरह की बिमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल एसी में बैठने के समय में ऑफिस या घर पर वेंटिलेशन का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। अगर सही वेंटिलेशन नहीं होगा तो एसी की वजह से खांसी, सर्दी या किसी तरह की सिकनेस हो सकती है। ऐसे में कुछ टिप्स को फॉलो कर एसी से होने वाले से नुकसान से खुद को बचाया जा सकता है।
आपको बता दें अगर आप समय समय पर फिल्टर को चेंज करते रहते हैं, खिड़कियों को खोलते हैं और ताजी हवा को घर में आने देते हैं तो एसी से नुकसान कम होता है। लेकिन अगर आप एसी का इस्तेमाल लगतार कर रहे हैं तो ये सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
डिहाइड्रेशन होना
दरअसल जब आप एसी में घंटों बैठे रहते हैं तो इस वजह से रूम में मौजूद नमी धीरे धीरे गायब होने लगती है और इस वजह से स्किन और बॉडी तेजी से डिहाइड्रेट हो जाती है। इस वजह से स्किन पर ड्राईनेस की प्रोबेम होने लगती है। वहीँ शरीर में पानी की कमी होने पर चक्कर आना जैसी परेशानी भी शुरू हो जाती है।
ड्राई आई की समस्या
हवा में नमी बढ़ने की वजह से आंखों को भी नुकसान होने ल्ग्तः ई। रूम ड्राई होने से ड्राई आई की समस्या शुरू हो जाती है। जिसकी वजह से आंखों में खुजली, जलन, बार बार पानी आना जैसी परेशानी हो सकती है। यही नहीं, कई तरह का संक्रमण भी हो सकता है।
सांस की परेशानी का होना
जो लोग दिनभर एसी में रहकर काम करते हैं या रातभर एसी ऑन कर सोते हैं,तो उन्हें सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। हर वक्त ब्लॉक नोजल से जूझना पड़ता है। यही नहीं रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम भी काफी बढ़ जाते हैं।
सिरदर्द होना
लगतार एसी में भले ही आपको सोने में आराम महसूस होता है। लेकिन इसकी वजह से आपको सिर दर्द ही नहीं बल्कि माइग्रेन की प्रॉब्लम भी हो सकती है। यह तब ट्रिगर करता है जब आपके एसी का फिल्टर गंदा हो।
एलर्जी का होना
अगर आपके AC की सर्विसिंग नहीं हुई है या आप जहां काम कर रहे हैं वहां संक्रमण करने वाले वायरस मौजूद हैं तो आप सेंट्रल एसी की वजह से एलर्जी के शिकार हो सकते हैं। यह माइक्रोबियल एलर्जी की भी वजह बन सकता है।