बांग्लादेश में हालात बेकाबू हो चुके है। उपद्रवियों ने हिंदुओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। सोमवार(5 अगस्त) को बांग्लादेश में लाखों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा मांगते हुए सड़कों पर उतरे और दोपहर होते-होते शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया। स्टूडेंट्स आरक्षण की मांग करते करते पीएम आवास में घुस आए। जमकर उत्पात मचाया।

हेलिकॉप्टर से वह भारत पहुंची। उनका गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर हेलिकॉप्टर उतरा। इसी बीच बांग्लादेश की राजधानी ढाका से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई जो अफ्गानिस्तान और श्रीलंका के संकट की याद दिलाती हैं, इन देशों में भी इसी तरह की अराजकता देखी गई थी।
ISKON मंदिर फूंका
भीड़ चुन-चुनकर हिंदुओं को निशाना बना रही है। घरों में आग लगाई जा रही है। दुकानों को लूटा जा रहा है। इस बीच बांग्लादेश के मेहरपुर इस्कॉन मंदिर की तस्वीरें सामने आई हैं। दंगाइयों ने तोड़फोड़ करने के बाद इस मंदिर को आग के हवाले कर दिया।

आपको बता दें सोमवार को पीएम शेख हसीना ने दोपहर 2:30 बजे के करीब एक मिलिट्री हैलिकॉप्टर से उड़ान भरी। हसीना जाने से पहले एक भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थी, लेकिन उन्हें इसका मौका ही नहीं मिला।
15 साल हसीना सत्ता में काबिज थी
प्रदर्शनकारियों के आगे शेख हसीना को झुकना पड़ा। इस्तीफा देना पड़ा और इसके साथ ही उन्हें अपना ही मुल्क भी छोड़ना पड़ा। वहीं मुल्क जहां की सत्ता में 15 साल से शेख हसीना काबिज थी। बहरहाल, शेख हसीना को जिन हालातों में इस्तीफा देकर अपना मुल्क छोड़ना पड़ा है, उसके लिए अब 'विदेशी दखल' का दावा भी किया जा रहा है।

क्या इसके पीछे अमेरिका का हाथ
शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ होने का शक जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मजबूत सरकार नहीं चाहता। वो बांग्लादेश में कमजोर सरकार चाहता है। वो एक ऐसी सरकार चाहता है जिसे नियंत्रित कर सके। वो शेख हसीना को नियंत्रित नहीं कर पाए।
हालांकि, बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के लिए अमेरिका पर इल्जाम लग रहे हैं, उसके संकेत कुछ महीनों पहले ही शेख हसीना ने दे दिए थे। शेख हसीना ने एक मीटिंग में अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा था कि उनके ऊपर विदेश से दबाव बनाया जा रहा है
भारत के व्यापार में लग रहा ब्रेक
वहीं, बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भारत और बांग्लादेश के व्यापार में ब्रेक लगना शुरू हो गया है। पड़ोसी मुल्क में जारी सियासी संकट के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार फिलहाल तो ठहर गया है। हालांकि निर्यातकों को उम्मीद है कि हालात जल्दी कंट्रोल हो जाएंगे जिससे व्यापार फिर से सामान्य हो सकता है। लेकिन बांग्लादेश की समस्या केवल सियासी संकट तक सीमित नहीं है।
निर्यातकों(Exporters) के मुताबिक बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा का संकट भी व्यापार करने में दिक्कतें पैदा कर रहा है। बांग्लादेश में पहले ही डॉलर की भारी कमी है जिसकी वजह से देश की आयात क्षमता पर असर पड़ा है और भारत समेत दूसरे देशों से आयात में कमी आई है।
बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार
दक्षिण एशिया में बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और भारत के तमाम पड़ोसी मुल्कों में ये दूसरे स्थान पर है। अगर आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो 2023-24 में बांग्लादेश को भारत से 11 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था जो 2022-23 में 12.21 अरब डॉलर था।
सामान की आवाजाही रुकी
इसके साथ ही बांग्लादेश से किया जाने वाला आयात(Import) बीते साल 1.84 अरब डॉलर रहा था जबकि 2 साल पहले ये 2 अरब डॉलर था। लेकिन फिलहाल जारी संकट से सीमा पार सामान की आवाजाही रुक गई है, जिससे सब्जियों और फलों समेत जल्द खराब होने वाले सामान को बॉर्डर पार करने में दिक्कतें हो रही हैं।
हम बताते क्या-क्या होता है आयात?
अगर ये सामान जल्दी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचा तो फिर निर्यातकों(Exporters) को भारी नुकसान हो सकता है। भारत से बांग्लादेश को निर्यात(Export) किए जाने वाले आइटम्स में सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, चीनी, कन्फेक्शनरी, रिफाइंड पैट्रोलियम ऑयल। केमिकल्स, कपास, लोहा-स्टील के अलावा वाहन शामिल हैं जबकि वहां से भारत में मछली, प्लास्टिक, चमड़ा और कपड़ों का आयात होता है।
महंगाई दर ने घटाई बांग्लादेश में मांग
इसके साथ ही बांग्लादेश में महंगाई भी काफी उच्च स्तर पर है जिसकी वजह से वहां घरेलू डिमांड कम हुई है जो खपत को घटाकर इंपोर्ट को कम करने का काम कर रही है। इसके पहले भी बांग्लादेश की कमजोर अर्थव्यवस्था ने भी भारत से आयात को कम करने का काम किया है।
आइटम्स पर SAFTA के नियम होते हैं लागू
भारत से बांग्लादेश को जाने वाले सामान पर पूरा टैक्स लगता है और इसमें साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया एग्रीमेंट लागू नहीं होता। वहीं, बांग्लादेश से भारत आयात की जाने वाली आइटम्स पर SAFTA के नियम लागू होते हैं जिससे इन आइटम्स को भारत में जीरो टैरिफ का फायदा मिलता है।
अब बताते है बांग्लादेश में हिंदू आबादी कितनी है
बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है। अमेरिका की 2022 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (International Religious Freedom) की रिपोर्ट के मुताबिक देश की कुल आबादी 165.7 मीलियन थी। देश में 91 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जिसके बाद हिन्दू धर्म के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, देश में 8 प्रतिशत हिन्दू रहते हैं।
27 जिलों में हिंदुओं के घरों को बनाया निशाना
बांग्लादेशी मीडिया द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया है। कीमती सामान को लूटा गया है। मंदिरों पर भी हमले किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, लालमोनिरहाट सदर उपजिले में धार्मिक हिंदू कार्यों से जुड़े पूजा समिति के सचिव प्रदीप चंद्र रॉय के घर में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है।
विदेश मंत्री ने बयान जारी कर कही ये बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यानी 6 अगस्त को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है।
जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की निगरानी कर रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हसीना के बाहर निकलने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई है।

UN ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN), बांग्लादेश की स्थिति पर "बहुत बारीकी से" नजर रख रहा है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश से भागने के बाद शांति और संयम बरतने का आह्वान कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा, महासचिव बांग्लादेश में वीकेंड में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों की निंदा करते हैं। वे देश में हो रहे घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और अंतरिम सरकार के गठन की योजना के बारे में सेना प्रमुख की घोषणा भी शामिल है।