गुरदासपुर में श्री अचलेश्वर धाम मेले में एक निहंग निहंग बाणे में व्यक्ति ने पवित्र सरोवर में घोड़ा उतार कर नहलाना शुरू कर दिया। सरोवर में नहलाने को लेकर निहंग बाणे में व्यक्ति पर बेअदबी करने के आरोप लगे। मामले की जानकारी देते हुए ट्रस्टी पवन कुमार ने बताया कि नवमी-दशमी पर इस पवित्र स्थान पर हजारों सालों से मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान यहां पर हिंदू और सिख भाईचारा यहां सरोवर पर आते है।
सरोवर में मछलियों को भी मार दिया गया
पवन कुमार ने कहा कि 2 दिन पहले शरारती तत्वों ने कोई जहरीली वस्तु सरोवर में डाल दी, जिससे सरोवर की सारी मछलियां मर गई। इस घटना को लेकर डीसी सहित अन्य उच्च अधिकारियों और कमेटी की तरफ से जांच की जा रही है। अभी वह मामला थमा नहीं कि बीते दिन एक निहंग बाणे में आए व्यक्ति द्वारा पवित्र सरोवर में घोड़े को नहलाने को लेकर बेअदबी की गई। कमेटी ने व्यक्ति को रोकने की काफी कोशिश की गई, लेकिन वह नहीं माना।
मेले में नहीं दिखा पुलिस का प्रबंध
पवन कुमार ने नवमी दशमी को लेकर इस पवित्र मंदिर में पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि इस मेले में पुलिस का किसी भी प्रकार का कोई प्रबंध नहीं था। डीसी के आदेशों के मुताबिक एसएसपी को बेअदबी करने के मामले में एफआईआर करने के लिए कहा था। लेकिन इस घटना के बाद एक डेरे से निहंग बाबा सहित कुछ अन्य लोगों ने घोड़े को नहलाने के मामले में गलती मानी और गुरु घर में आकर माफी मांगी।
निहंग के साथियों ने स्वीकार की गलती
उन्होंने कहाकि उनके व्यक्ति ने घोड़े को पवित्र सरोवर में नहलाने को लेकर गलती हुई है, जिसके बाद इस मामले को ज्यादा तवज्जों ना देते हुए मामले को खत्म कर दिया गया। मेले को पूर्णत्या खराब होने की जांच की जानी चाहिए कि मेले में सरोवर में मछलियां क्यों मरी और मेले में सरोवर में घोड़े को क्यों नहलाया गया। मेले में धर्मों के नाम पर लड़ाई करवाने की कोशिश की गई।
पुलिस पर भी लगाए आरोप
पवन कुमार ने कहा कि इस घटना के दौरान हैरानी की बात यह रही कि डीएसपी, एसएसपी सहित कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। घटना स्थल पर अकेले थाना प्रभारी ही मौजूद रहे। उन्हें मेले में माहौल खराब करने का उन्हें कुछ घंटे पहले ही आभास हो गया था। इस घटना को लेकर उन्होंने एसएसपी को घटना के कुछ घंटे पहले फोन किया था, लेकिन किसी अधिकारी ने उनका फोन नहीं उठाया। जिसके बाद डीएसपी को फोन किया और उन्होंने एक्शन लेने का आश्वासन दिया। डीएसपी के एक्शन लेने का कोई असर नहीं दिखा।