देशभर के एयरपोर्ट पर सिख कर्मचारी ड्यूटी के दौरान अपने साथ कृपाण नहीं ले जा सकेंगे इसके लिए ऑर्डर जारी किए गए थे। अब इसी को लेकर सिख फॉर जस्टिस (SFJ) प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद कराने की धमकी दी है।
पन्नू का कहना है कि भारत सरकार ने सिख धर्म के प्रतीक कृपाण के एयरपोर्ट के अंदर पहनने पर रोक लगाई है। इस फैसले से सिख समुदाय पर हमला बताते हुए भविष्य में सिखों के लिए धार्मिक प्रतीकों पर और ज्यादा बैन लगाने की आशंका जताई है।
आने वाले दिनों में दस्तार पर लगाएगी बैन
पन्नू ने एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में भारत सरकार को धमकी देता दिख रहा है। उसने आरोप लगाया है कि भारत सरकार आने वाले दिनों में दस्तार पर भी बैन लगा सकती है। इसके बाद सिखों को अपने धार्मिक प्रतीकों को भी घर में पहनने पर भी भारत सरकार रोक सकती है।
17 नवंबर को एयरपोर्ट्स बंद करवाने की दी धमकी
पन्नू के इस भड़काऊ भाषण ने युवाओं को भड़काने की कोशिश की है। इस संबंध में 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट्स को बंद करवाने की बात कही है।
पन्नू ने बताया विरोध प्रदर्शन करने का तरीका
पन्नू ने पंजाब के युवाओं को उकसाते हुए 17 नवंबर को ट्रैक्टरों से सड़कों को जाम करने और एयरपोर्ट पर ड्रोन उड़ाने का आह्वान किया है। पन्नू का कहना है कि यह विरोध प्रदर्शन दुनिया को सिख समुदाय के अस्तित्व पर मंडरा रहे खतरे से अवगत कराने का तरीका है।
आपको बता दें कि बीते दिनों ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (BCAS) ने ऑर्डर जारी किए थे। BCAS ने अपने आदेश में कहा कि एयरपोर्ट्स पर काम कर रहे सिख कर्मचारियों को सुरक्षा के मद्देनजर कृपाण नहीं पहन सकेंगे। एक दिन पहले ही सभी एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को यह गाइडलाइन मिली। BCAS की तरफ से कहा गया है कि सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से ये आदेश जारी किए गए। गाइडलाइन जारी होने के बाद से विवाद शुरू हो गया है।
2022 में भी जारी हुए थे आदेश
यह पहली बार नहीं है , इससे पहले साल 2022 में एविएशन मंत्रालय ने भारतीय एयरपोर्ट्स पर सिख कर्मचारियों को कृपाण न लेकर जाने के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने मंत्रालय को लेटर लिखकर कहा था कि ऐसा करके मंत्रालय सिखों की आजादी को छीनने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद मंत्रालय ने अपने आदेशों को वापस ले लिया था।