Randhir Kapoor was senior in the Kapoor family and very close to his father : बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर के बड़े बेटे रणधीर कपूर अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। भले ही अभिनेता फिल्मों में नजर नहीं आते हैं, लेकिन लाइमलाइट में तो हमेशा ही बने रहते हैं। जवानी के दिनों में वो गुडलुकिंग और चार्मिंग पर्सनालिटी की वजह से फैन्स के पसंदीदा स्टार्स में से एक रहे हैं। उनको एक रोमांटिक एक्टर के तौर पर जाना जाता था, लेकिन अभिनेता की सफलता का दौर जरा छोटा ही रहा है। आज आपको उनसे जुड़े कुछ किस्से बताते हैं...
चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत
15 फरवरी 1947 को मुंबई में जन्मे रणधीर ने अपने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। पहली बार वो फिल्म ‘श्री 420’ में नजर आए थे। उस वक्त अभिनेता महज 8-9 साल के रहे होंगे। रणधीर अपने पिता के साथ सेट पर जाते थे और फिल्में शूट होते हुए गौर से देखते थे लेकिन जब करियर शुरू करने की बारी आई तो उनके पिता ने एक्टर से दो टूक एक ऐसी बात कह दी थी, जो उनके जहन में बैठ गई।
पिता ने मदद से किया था इनकार
रणधीर अपने पिता राज कपूर के काफी क्लोज थे और कपूर खानदान में सीनियर भी हैं। रणधीर कपूर की जिंदगी के तमाम किस्से हैं। वो भले ही फिल्मी खानदान से आते थे, लेकिन पिता राज कपूर ने उनको अपने बैनर तले करियर की शुरुआत करने से साफ मना कर दिया था। ऐसा कहा जाता है कि शोमैन ने साफ शब्दों में रणधीर को कह दिया था कि जाओ पहले आरके बैनर के बाहर काम करके दिखाओ।
‘झुक गया आसमान’ में किया काम
दरअसल उस वक्त उनके पिता को लगता था कि एक स्टूडियो के मालिक का बेटा होने के नाते वो यहां उतना नहीं सीख पाएंगे, जितना उनको बाहर सीखने का मौका मिलेगा इसीलिए पहले उनको बाहर जाकर काम सीखना चाहिए। कहते हैं कि रणधीर ने पिता की इस बात को गांठ बांध लिया और 1968 में आई फिल्म ‘झुक गया आसमान’ में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया। उन्होंने डायरेक्टर लेख टंडन को असिस्ट किया था।
रणधीर को मिलते थे 5 रुपये
रणधीर कपूर की जिंदगी से जुड़ा दूसरा किस्सा थोड़ा मजेदार है और ये किस्सा उनके पिता राज कपूर से भी जुड़ा है। कहते हैं कि रणधीर पिता के साथ सेट पर जाते थे और उस वक्त हो रही शूटिंग को ध्यान से देखते थे लेकिन जब राज कपूर को कोई रोमांटिक सीन करना होता था तो बेटे के सामने उनको बड़ी झिझक महसूस होती थी। राज कपूर ने इसका एक उपाय निकाला था। जब कोई इंटीमेट या रोमांटिक शूट करने की बारी आती थी तो राज कपूर उनको पांच रुपये दे देते थे।
रणधीर कपूर का ऐसा था करियर
करियर की बात करें तो रणधीर ने साल 1971 में आई फिल्म ‘कल आज और कल’ के जरिए डेब्यू किया था। इस फिल्म को डायरेक्ट भी उन्होंने ही किया था। फिल्म के प्रोड्यूसर राज कपूर थे और इसमें पृथ्वीराज कपूर और बबीता ने भी काम किया था। हालांकि उस वक्त रणधीर कपूर और बबीता का शादी नहीं हुई थी। इसके अलावा उन्होंने ‘जवानी दीवानी’, ‘रामपुर का लक्ष्मण’, ‘हमराही’, ‘दिल दीवाना’, ‘धरम करम’, ‘भला मानुष’ जैसी कई फिल्मों में काम किया है।